बेटे के बर्थ डे पर शिखर धवन हुए भावुक, जोरावर के लिए लिखा इमोशनल पोस्ट

Shikhar Dhawan

Shikhar Dhawan: भारत के सलामी बल्लेबाज और गब्बर नाम से मशहूर शिखर धवन कुछ समय से अपने निजी जिंदगी में परेशानियों से जूझ रहे हैं। उनका अपनी पत्नी आयशा के साथ तलाक हो गया है। जिसके कारण उनका बेटा जोरावर अपनी मां के साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रहा है। वहीं बेटे की कस्टडी को लेकर अभी तक कोर्ट की तरफ से कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि वो अपने बेटे से भारत और ऑस्ट्रेलिया में अपने बेटे से मिल सकते हैं और वीडियो कॉल से बात कर सकते हैं। वहीं मंगलवार को बेटे का जन्मदिन है। जिसको लेकर उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर कर बड़ी बात की है।

इंस्टाग्राम पर लिखी यह बात

भारत के दिग्गज खिलाड़ी शिखर धवन ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि “तुम्हें व्यक्तिगत रूप से देखे हुए एक साल हो गया है, और अब, लगभग तीन महीने से, मुझे हर जगह से ब्लॉक कर दिया गया है, इसलिए तुम्हें, मेरे बेटे, जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देने के लिए वही तस्वीर पोस्ट कर रहा हूँ।” 

 

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आपको बता दें शिखर धवन ने साल 2012 में 10 साल बड़ी आयशा मुखर्जी से शादी की थी। आयशा मुखर्जी एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक जिन्होंने पहले एक बिजनेसमैन से शादी की थी। वहीं तलाक लेने के बाद आयशा ने दूसरी शादी शिखर धवन से की थी।

 साल 2022 से चल रहे हैं भारतीय टीम से बाहर

गौरतलब है कि शिखर धवन साल 2022 से भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे हैं। वहीं शिखर धवन ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में मैच खेला है। जहां उन्होंने अब तक भारत के लिए कुल 34 टेस्ट, 167 एकदिवसीय और 68 T20 मैच खेले हैं। जिसमें उन्होंने कुल 24 शतक बनाए हैं।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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