शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का नया कप्तान बनाए जाने के फैसले पर क्रिकेट जगत में अलग-अलग राय सामने आ रही हैं। दरअसल एक तरफ जहां कई लोग इस फैसले को भविष्य की सोच बता रहे हैं, वहीं कुछ पूर्व खिलाड़ी इससे बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं। पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने कहा है कि गिल की जगह प्लेइंग इलेवन में भी नहीं बनती, ऐसे में उन्हें कप्तान बनाना चौंकाने वाला फैसला है। अब इस बयान पर भी बड़ी बहस छिड़ सकती है।
दरअसल क्रिकबज पर बातचीत करते हुए मनोज तिवारी ने चयनकर्ताओं के फैसले पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, “जिस खिलाड़ी की खुद प्लेइंग इलेवन में जगह पक्की नहीं है, उसे कप्तान बनाना ठीक नहीं है। वह बस दूसरा सबसे अच्छा विकल्प थे, इसलिए उन्हें कप्तान बना दिया गया।” दरअसल मनोज तिवारी का यह बयान ऐसे समय आया है जब गिल का विदेशों में प्रदर्शन खास नहीं रहा है, खासकर इंग्लैंड की पिचों पर उनका औसत काफी कम है। इससे यह चर्चा और तेज हो गई है कि क्या गिल कप्तानी के लिए सही विकल्प हैं?

शुभमन गिल का टेस्ट रिकॉर्ड
दरअसल शुभमन गिल ने 2020-21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट डेब्यू किया था, जहां उन्होंने गाबा में 91 रनों की शानदार पारी खेली थी। हालांकि अब तक उन्होंने 32 टेस्ट मैचों में 35.03 की औसत से 1893 रन बनाए हैं। इनमें पांच शतक और सात अर्धशतक शामिल हैं। हालांकि, उनका विदेशों में प्रदर्शन काफी कम रहा है। बता दें कि इंग्लैंड में खेले गए तीन टेस्ट में वह सिर्फ 88 रन ही बना सके हैं, वो भी 15 से कम की औसत से रन बनाएं है। जबकि ऑस्ट्रेलिया में उनका औसत 35.20 रहा है। टेस्ट कप्तानी जैसे अहम पद के लिए गिल का यह आंकड़ा अब कई लोगों को बेहद कमजोर नजर आ रहा है।
बुमराह और पंत क्यों नहीं बने कप्तान? सहवाग ने दिया जवाब
वहीं मनोज तिवारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वीरेंद्र सहवाग ने चयनकर्ताओं के फैसले का समर्थन किया है। दरअसल उन्होंने कहा कि जसप्रीत बुमराह और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी जरूर कप्तानी के दावेदार थे, लेकिन कुछ अन्य कारणों से गिल को यह जिम्मेदारी दी गई। वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि, “अगर भारत एक साल में 10 टेस्ट खेलता है, तो क्या बुमराह सभी मैचों में फिट रह पाएंगे? कप्तान के रूप में कंसिस्टेंसी जरूरी है, और यह बुमराह से मुमकिन नहीं लगता।” वीरेंद्र सहवाग ने यह भी कहा कि पंत फिलहाल फिटनेस और वापसी की प्रक्रिया में हैं, इसलिए उन्हें कप्तानी देना जोखिम भरा होता। इसीलिए चयनकर्ताओं ने गिल को भविष्य का कप्तान मानते हुए यह फैसला लिया। हालांकि सहवाग ने यह जरूर माना कि गिल से बेहतर विकल्प पंत हो सकते थे, लेकिन मौजूदा स्थिति में गिल ही सबसे स्थायी चेहरा नजर आए।