Ind vs Eng: विराट कोहली ने 113 टेस्ट मैचों में किया ये कारनामा, यशस्वी ने 8 मुकाबलों में ही कर ली बराबरी

इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच यशस्वी जायसवाल ने 1 छक्के और 8 चौके की मदद से 117 गेंदों में 62.39 की स्ट्राइक रेट से 73 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली।

Shashank Baranwal
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Virat & Yashasvi

Virat Kohli & Yashasvi Jaiswal Test Match Sixes: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज भारत के युवा और सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के लिए बहुत ही खास है। 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के हर मुकाबले में यशस्वी नई उपलब्धि हासिल कर रहे हैं। लगातार यशस्वी स्टेडियम में अपना यश दिखा रहे हैं। वहीं चौथे टेस्ट मुकाबले में उन्होंने एक नई कामयाबी हासिल करते हुए अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली से बराबरी कर ली है। आइए जानते हैं विस्तार से…

विराट कोहली से की बराबरी

यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के दूसरे दिन रांची के जेएससीए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में बेहतरीन पारी खेली। इस दौरान उन्होंने 1 छक्के और 8 चौके की मदद से 117 गेंदों में 62.39 की स्ट्राइक रेट से 73 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। इस छक्के के साथ यशस्वी जायसवाल ने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में अब तक कुल 26 छक्के जड़ चुके हैं। वहीं उन्होंने विराट कोहली से टेस्ट क्रिकेट में छक्कों के मामले बराबरी कर ली है। बशर्ते यशस्वी ने महज 8 मैचों में कोहली से बराबरी की है। बता दें विराट कोहली ने 113 टेस्ट मैचों में 26 छक्के लगाए हैं।

सुनील गावस्कर से भी की बराबरी

इसके साथ ही यशस्वी जायसवाल ने भारत के पूर्व कप्तान और खिलाड़ी रहे सुनील गावस्कर की भी बराबरी कर ली है। बता दें सुनील गावस्कर ने कुल 125 टेस्ट मुकाबले खेलकर टेस्ट क्रिकेट में 26 छक्के लगाए थे।

तीसरे टेस्ट मैच में जड़े थे 12 छक्के

गौरतलब है कि यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मुकाबले में दूसरी पारी में नाबाद दोहरा शतक लगाया था। इस दौरान उन्होंने 236 गेंदों में 90.68 की स्ट्राइक रेट से 214 रनों की नाबाद पारी खेली थी। वहीं जिसमें 14 चौके और 12 छक्के शामिल थे। इंग्लैंड के खिलाफ अब तक सबसे ज्यादा इसी मैच में यशस्वी ने सबसे ज्यादा 12 छक्के जड़े थे।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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