टेस्ला का नया आलीशान हेड क्वार्टर, जहां रोबोट करते हैं काम, सूरज से जगमगाता है दफ्तर

टेक्नोलॉजी, डेस्क रिपोर्ट। दुनिया के सबसे रईस लोगों में शुमार एलन मस्क (Elon Musk) का नाम कौन नहीं जानता। उनका नाम सुनकर ये जिज्ञासा जरूरत होती है कि उनका ऑफिस कैसा होगा? उनकी कंपनी टेस्ला (Tesla) भी उनसे कम फेमस नहीं। टेस्ला का हेडक्वार्टर हाल ही में टेक्सस (Texas) के ऑस्टिन (Austin) में शिफ्ट हुआ है। इससे पहले ये कैलिफोर्निया के पालो ऑल्टो (California Palo Alto) में स्थित था। ऑफिस शिफ्ट करने की जानकारी कंपनी ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (Securities and Exchange commission) को दी, जिसके जरिए टेस्ला ने एक दिसंबर से अपना दफ्तर टेक्सस स्थित गीगाफैक्ट्री (Giga Factory) में शिफ्ट होना बताया।

ऑफिस बदलने की वजह।
कैलिफोर्निया से टेक्सस शिफ्ट होने की वजह भी बेहद दिलचस्प है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया का ये सबसे रईस बिजनेसमैन टैक्स बचाने के लिए दफ्तर शिफ्ट कर रहा है। कैलिफॉर्निया और टेक्सस के टैक्स नियम में कुछ अंतर होगा, टेक्सस में ऑफिस खोलकर कंपनी इनकम टैक्स और कैपिटल गेन टैक्स (Income Tax and Capital Gain Tax) के झंझट बच सकते हैं। साथ ही टेक्सस में दफ्तर खोलने के लिए उन्हें कम दरों पर जमीन भी मिली है। ब्लूमबर्ग (Bloomberg) में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी को टैक्स में करीब 6.5 करोड़ डॉलर की छूट मिलेगी, साथ ही टेस्ला को प्रॉपर्टी टैक्स पर भी भारी छूट मिलेगी। हालांकि एलन मस्क ये साफ कर चुके हैं कि कंपनी ने पूरी तरह कैलिफोर्निया (California) नहीं छोड़ा है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।