एलन मस्‍क के स्टार्टअप न्यूरालिंक को मिली सफलता, इस डिवाइस की मदद से लकवाग्रस्त शख्स ने खेला वीडियो गेम

एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में एक शख्स शतरंज खेलता नजर आ रहा है। खास बात ये है कि वीडियो में जो शख्स दिख रहा है वो पैरालिसिस का मरीज है। बिना हाथ पैर के इस्तेमाल के वो सिर्फ दिमाग से पूरा गेम खेलते नजर आ रहा है।

Saumya Srivastava
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Elon Musk’s startup Neuralink: एलन मस्‍क कुछ ना कुछ ऐसा करते है जिससे हर कोई हैरान हो जाता है। टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने अपना नया स्टार्टअप शुरू किया है जिसका नाम न्यूरालिंक है। न्यूरालिंक एक ब्रेन चिप है जिसे इंसान के दिमाग में इम्प्लांट किया जाता है। मस्क के इस स्टार्टअप को नई सफलता मिली है। दरअसल मस्क एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें एक लकवाग्रस्त शख्स सिर्फ अपने दिमाग की मदद से वीडियो गेम और शतरंज खेल रहा है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला।

मस्क ने शेयर किया वीडियो

एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें 29 साल के नोलैंड आबोघ सिर्फ अपने दिमाग का इस्तेमाल करके शतरंज और सिविलाइजेशन VI गेम खेलते दिख रहे हैं। बता दें कि नोलैंड आबोघ पैरालिसिस के मरीज है। उन्होंने कहा कि मैंने ये गेम खेलना छोड़ दिया था लेकिन अब इसे फिर से खेल पा रहा हूं। मस्क ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि- न्यूरालिंक ने टेलीपैथी का प्रदर्शन किया।

क्या है न्यूरालिंक डिवाइस

न्यूरालिंक एक ब्रेन चिप है जिसे इंसान के दिमाग में इम्प्लांट किया जा रहा है। इसने सिक्के के आकार का एक डिवाइस बनाया है जिसका नाम है लिंक। ये डिवाइस ह्यूमन ब्रेन और कंप्यूटर के बीच कम्युनिकेशन चैनल बनाती है। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल या किसी भी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी से सीधे कंट्रोल करती है। ये डिवाइस उन लोगों के लिए ज्यादा असरदार हो सकती है जिन्हें पैरालिसिस है। वो अपने दिमाग का इस्तेमाल कर काम कर सकने में सक्षम हो सकते है।

ह्यूमन ट्रायल के लिए मिली है मंजूरी

बता दें कि न्यूरालिंक को अपने पहले ह्यूमन ट्रायल के लिए सितंबर 2023 में मंजूरी मिल चुकी है। न्यूरालिंक को इंडिपेंडेंट इंस्टीट्यूशनल रिव्यू बोर्ड से रिक्रूटमेंट की मंजूरी मिली थी। जिसके बाद इसे जनवरी ने इंसान के दिमाग में सर्जरी के जरिए इम्प्लांट किया गया। कंपनी ने बताया कि अगर इसक ह्यूमन ट्रायल कामयाब रहा तो चिप के माध्यम से दृष्टिहीन लोग देख पाएंगे। इसके साथ ही पैरालिसिस के मरीज चल-फिर सकते है।


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Saumya Srivastava

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पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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