First wooden satellite: दुनिया का पहला लकड़ी का सैटेलाइट बनाकर जापान ने शुरू किया स्पेस साइंस का नया युग, जल्द होगी लॉन्चिंग

First wooden satellite: जापान के वैज्ञानिकों ने दुनिया में एक नए युग की शुरुआत की है। आजतक किसी देश ने कभी ऐसा नहीं किया है। दरअसल जापान ने दुनिया का पहला लकड़ी का सैटेलाइट बनाकर साइंस की दुनिया में एक नए युग की शुरुआत की है। इसकी जानकारी ब्रिटिश मीडिया 'द गार्डियन' ने शेयर की है।

Rishabh Namdev
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First wooden satellite: जापान दुनिया में तकनिकी क्षेत्र में पहचाना जाता है। चाहे वह जापान की बुलेट ट्रैन हो या फिर चाहे वह उसकी मॉडर्न टेक्नोलॉजी। वहीं अब जापान ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। दरअसल ब्रिटिश मीडिया ‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया का पहला लकड़ी से बना सैटेलाइट अब जल्द लॉन्च किया जाएगा। जिसकी तैयारियां तेजी से की जा रही है। जानकारी के अनुसार इसे क्योटो यूनिवर्सिटी के एयरोस्पेस इंजिनियर्स ने इसे बनाया है। वहीं आपको बता दें इसे लिग्रोसैट नाम दिया गया है।

मंगोलियाई लकड़ी का किया गया इस्तेमाल:

दरअसल प्रदुषण को देखते हुए इस सैटेलाइट को लकड़ी का बनाया गया है। लकड़ी के होने की वजह से इससे अंतरिक्ष में होने वाले प्रदूषण को भी कम किया जा सकता है। वहीं जानकारी में सामने आया है की जिस लकड़ी का इस्तेमाल इसको बनाने में किया गया है वह आसानी से नहीं टूटती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सैटेलाइट को मंगोलियाई लकड़ी से क्रिएट किया गया है। ये बहुत स्थिर होती है और टूटती भी नहीं है।

अपने आप ही नष्ट हो जाती सैटेलाइट्स:

कई देशों की सैटेलाइट्स स्पेस में हैं। लेकिन सभी एक समय के बाद अपने आप ही नष्ट हो जाती हैं। जिसके बाद इनके टुकड़े अंतरिक्ष में ही घुमते रहते हैं। लेकिन इनके कुछ टुकड़े धरती पर भी गिरते हैं। जिससे धरती को बड़ा नुकसान होता है। कई बार इससे तबाही आ सकते हैं। वहीं इस कचरे से बचाव के लिए और अंतरिक्ष में पॉल्यूशन को कम करने के लिए जापान के वैज्ञानिकों ने यह लड़की का सैटेलाइट बनाया है।

इस बारे में क्योटो यूनिवर्सिटी के एक इंजिनियर कोजी मुराता का कहना है की- “लकड़ी बायोडिग्रेडेबल होती है। यानी पर्यावरण के अनुकूल होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो बायोडिग्रेडेबल चीजें नेचुरल तरीके से प्रकृति में मिलकर नष्ट हो जाती हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं। इसे ध्यान में रखते हुए लकड़ी का सैटेलाइट बनाया गया है।”


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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