OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लेकर सरकार सख्त, भद्दे कंटेंट पर लगेगी रोक, नई गाइडलाइंस जारी

सरकार ने ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को लेकर सख्ती दिखाई है। नियमों का अनुपालन करने का निर्देश दिया है। दूरसंचार विभाग ने इंफ्लुएंसर को सीआईएल स्पूफिंग से जुड़े कंटेन्ट हटाने को कहा है।

Manisha Kumari Pandey
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कॉमेडियन समय रैना के शो “इंडिययाज गॉट लेटेंट” और पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहवादिया के टिप्पणी को लेकर विवाद जारी है। इसी बीच केंद्र सरकार ने ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के नई गाइडलाइंस (OTT and Social Media Platform Guidelines) जारी की है। भद्दे कंटेन्ट को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। आईटी नियमों का पालन करने को कहा है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय को कुछ प्रोड्यूसर द्वारा अश्लील, पोर्नोग्राफी और अश्लील सामग्री के कथित प्रसार से संबंधित शिकायती प्राप्त हुई। इसके बाद मंत्रालय ने आईटी नियमों को दोहराया और इसका सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश दिया है। वहीं DoT ने भी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म इंफ्लुएंसर को सीएलआई स्पूफिंग से संबंधित कंटेन्ट को हटाने का निर्देश दिया है।

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ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म को मंत्रालय ने दिए ये निर्देश

आईटी नियम 2021 के भाग-III में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए नियम और इसके उल्लंघन से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए तीन स्तरीय संस्थागत तंत्र का प्रावधान है। इसके तहत ओटीटी प्लेटफार्म ऐसी कोई भी सामग्री प्रसारित न कर सकते हैं, जो कानून खिलाफ हैं। इसके अलावा नियमों की अनुसूची में दिए गए सामान्य दिशा-निर्देशों के आधार पर कंटेन्ट का आयु आधारित वर्गीकरण करने को कहा है। “ए” रेटेड कंटेन्ट को लेकर उचित सावधानी और विवेक का भी इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा उचित कार्रवाई करें। सरकार ने ओटीटी-प्लेटफ़ॉर्म के स्व-नियामक निकायों से नियमों का उल्लंघन होने पर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया है।

सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर 28 फरवरी तक हटाएं ऐसे कंटेन्ट 

दूरसंचार विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूजर्स को निर्देश जारी किया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफार्म से ऐसे पोस्ट और कंटेंट को हटाने का निर्देश जारी किया गया है, जो टेलीकॉम एक्ट का उल्लंघन करते हैं। दरअसल, एक इनफ्लुएंसर द्वारा सोशल मीडिया पर दिखाया गया कि वह अपने कॉलिंग लाइन ऑथेंटिकेशन (CLI) नंबर को बदलकर किसी और नंबर से कॉल कर सकते हैं। सरकार ने इसे टेलीकॉम आइडेंटिफिकेशन के साथ छेड़छाड़ यानी CLI स्पूफिंग बताया है, जो टेलीकॉम अधिनियम 2023 के खिलाफ हैं। यह एक अपराध है, दोषी को 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है। 28 फरवरी 2025 तक ऐसे कंटेन्ट को हटाने का निर्देश जारी किया गया है।


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