जापान को दुनिया का सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ देश माना जाता है। कहा जाता है कि ज्यादातर मॉडर्न टेक्नोलॉजी की शुरुआत इसी देश से होती है। बुलेट ट्रेन की चर्चा हर जगह देखने को मिली थी, लेकिन अब जापान ने एक नया कीर्तिमान अपने नाम दर्ज करवा लिया है। दरअसल, जापान ने इंटरनेट स्पीड का विश्व रिकॉर्ड बना दिया है। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि जापान ने 1.02 पेटाबाइट प्रति सेकंड की इंटरनेट स्पीड हासिल की है, जो अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। यह स्पीड अमेरिका की औसत इंटरनेट स्पीड से 3.5 गुना ज्यादा है, जबकि भारत की स्पीड से तुलना करें तो यह भारत की औसत 63.55 एमबीपीएस स्पीड से 1.6 करोड़ गुना तेज है।
मतलब जापान में इंटरनेट स्पीड इतनी ज्यादा है कि आप पलक झपकते ही नेटफ्लिक्स की पूरी लाइब्रेरी डाउनलोड कर सकते हैं। अब यह रिपोर्ट सामने आने के बाद पूरी दुनिया में जापान की टेक्नोलॉजी की चर्चा हो रही है और इंटरनेट को लेकर नई बहस छिड़ गई है।
पूरे विश्व के लिए जरूरी ये यह
हालांकि जापान की इस उपलब्धि को न सिर्फ जापान के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है, क्योंकि इसमें वैश्विक रूप से डाटा ट्रांसफर, स्ट्रीमिंग और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उज्जवल भविष्य देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, इस तकनीक को जापान के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। इस टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए वैज्ञानिकों ने उन्नत फाइबर ऑप्टिक तकनीक और अत्यधिक सिग्नल प्रोसेसिंग का इस्तेमाल किया है, जिसके चलते यह इंटरनेट स्पीड घरेलू इंटरनेट कनेक्शन से एक लाख गुना ज्यादा तेज है। इस स्पीड से एक सेकंड में 10,000 से अधिक अल्ट्रा हाई डेफिनेशन 4K फिल्में डाउनलोड की जा सकती हैं।
कैसे दुनियाभर की होगी मदद?
अब इस टेक्नोलॉजी की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। बता दें कि यह तकनीक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और वैश्विक डिजिटलीकरण की बढ़ती मांगों को पूरा करने में मदद करेगी। ज्यादा तेज इंटरनेट, ज्यादा तेज विकास भी लेकर आएगा। स्मार्ट सिटी, रिमोट हेल्थ केयर और ऑनलाइन शिक्षा जैसे क्षेत्रों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि भारत इस मामले में अभी काफी पीछे है। इसी साल जून में सरकारी संस्था राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की एक स्टडी में सामने आया है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग की 76.3% महिलाएं मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन यह भी सामने आया है कि लगभग 48.4% महिलाओं के पास अपना खुद का मोबाइल फोन नहीं है।





