Railway Ticket Booking Rules: भारतीय रेलवे आम नागरिकों के लिए यात्रा का आसान और किफायती विकल्प होता है। यात्रियों के हित में रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। टिकट बुकिंग से जुड़े नियमों में बदलाव हुआ है। अब ओटीपी के बिना ट्रेन का टिकट बुक नहीं हो पाएगा। यह कदम आईआरसीटीसी ने सुरक्षा और प्राइवसी को बढ़ाने के लिए उठाया है। इससे बुकिंग प्रोसेस के दौरान होने वाले फर्जीवाड़ें पर रोक लगेगी।
नए नियमों के तहत यदि कोई व्यक्ति आईआरसीटीसी वेबसाइट या ऐप के जरिए टिकट बुकिंग करता है तो उसे दर्ज किए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। ओटीपी सत्यापन के बाद ही पेमेंट पेज पर जा सकते हैं। यह नियम सभी यात्रियों पर प्रभावी होगा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा की अपने आईआरसीटीसी पर रजिस्ट्रेशन किया है या नहीं।
वेटिंग लिस्ट टिकट के लिए नए नियम भी लागू
1 मई से वेटिंग लिस्ट के टिकट के लिए भी नियम बदल गए हैं। अब जिन लोगों के पास वेटिंग टिकट होगा, वे एसी या स्लीपर कोच में सफर नहीं कर पाएंगे। ऐसे यात्रियों को अनारक्षित यानि कोच में सफर करने की अनुमति होगी। यदि कोई व्यक्ति वेटिंग टिकट पर ट्रेन के आरक्षित डिब्बे में पाया जाता है तो टीटीआई नियमों के तहत जुर्माना भी लगा सकते हैं।
इन नियमों को भी जान लें यात्री
- एडवांस ट्रेन टिकट बुकिंग की अवधि को भी घटा दिया गया है। अब यात्री 90 दिन पहले ही टिकट बुक कर पाएंगे। हालांकि फेस्टिव सीजन या अन्य स्पेशल ट्रेनों पर यह नियम लागू नहीं होगा।
- रेलवे ने रिफ़ंड पॉलिसी में संशोधन किया है। अब टिकट कैंसिल करने पर पैसे 2 दिनों के भीतर मिल जाएंगे। पहले 5-7 दिन में रिफ़ंड मिलता था। यह नियम ऑनलाइन और काउन्टर टिकट दोनों के लिए प्रभावी है।
- 48 घंटे के पहले टिकट कैंसिल करने पर कोच के हिसाब से शुल्क लगेगा। स्लीपर के लिए चार्ज 120 रुपये, 3ए के लिए 180 रुपये, सेकंड क्लास के लिए 60 रुपये, 2एसी या फर्स्ट क्लास के लिए 200 रुपये और एग्जिक्यूटिव के लिए 240 रुपये है।





