SIM Card New Rules: ऑनलाइन स्कैम के मामलों रोकने के लिए टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने बड़ा कदम उठाया है। मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहा है। नए नियम 1 जुलाई से लागू होगा। दूरसंचार विभाग की सलाह TRAI ने टेलीकम्युनिकेशन मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी रेगुलेशन ड्राफ्ट जारी किया है। नए नियमों के तहत सिम कार्ड पोर्ट कराने की प्रक्रिया आसान नहीं होगी।
क्या कहते हैं नियम?
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी विनियमों में बदलाव का मुख्य उद्देश्य स्कैमर्स द्वारा धोखाधड़ी वाले सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट से जरिए से मोबाइल नंबरों को पोर्ट कराने की गतिविधि पर रोक लगाना है। यूपीसी के आवंटन के अनुरोध को अस्वीकार करने के लिए एक अतिरिक्त मानदंड भी पेश किया गया है। जिसके तहत सिम कार्ड चोरी या डैमेज होने के बाद मोबाइल नंबर को पोर्ट कराने के लिए 7 दिनों तक इंतजार करना है।
दूरसंचार विभाग के परामर्श पर हुआ नियमों में बदलाव
बता दें कि मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी विनियम 2009 के 9वें संशोधन को जारी किया गया। TRAI के दूरसंचार विभाग के परामर्श पर विनियमों में उठाए गए मुद्दों पर हितधारकों से 25 अक्टूबर 2023 तक लिखित टिप्पणियाँ आमंत्रित की थी। 8 नवंबर 2023 तक समय दिया गया था। जवाब में 13 टिप्पणियाँ की प्राप्त हुई। 22 फरवरी 2024 को इस संबंध में ओपन हाउस चर्चा बुलाई गई थी। मार्च में नए नियमों को घोषित किया गया। 1 जुलाई से ये लागू होंगे।
ऑनलाइन स्कैम पर लगेगी रोक
सिम कार्ड में नेटवर्क संबंधित कई डेटा मौजूद होते हैं। यह स्मार्टफोन यूजर्स को नेटवर्क का इस्तेमाल करने के लिए प्रमाणित करता है। साथ ही एक पहचान प्रदान करता है। वर्तमान में सिम कार्ड स्वैप तुरंत हो जाता है। इसी सुविधा का फायदा उठाकर स्कैमर्स मोबाइल खो जाने का बहाना करके नया सिम कार्ड प्राप्त कर लेते हैं। नंबर पर ओटीपी प्राप्त कर ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते हैं। नए नियमों के लागू होने से ऐसे मामलों पर रोक लग सकती है।