टेलीकॉम रेगुलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) समय-समय पर ग्राहकों की सुविधा को लेकर टेलीकॉम कंपनियों के लिए नियमों में बदलाव करती है। इसी कड़ी में अब टेलीकॉम कंपनियों के लिए TRAI द्वारा एक नया नियम बनाया गया है। दरअसल, अगर अब कोई कंपनी ग्राहकों को स्पैम कॉल की सही संख्या नहीं दिखाती है, तो उस पर TRAI द्वारा बड़ा जुर्माना लगाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, कंपनियों पर नियमों का उल्लंघन करने पर 2 से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इसके अलावा, TRAI के इस महत्वपूर्ण कदम से उन ग्राहकों को बेहद सुविधा मिलेगी जो स्पैम कॉल से परेशान हैं और इसकी शिकायत करना चाहते हैं या इसके ऊपर एक्शन लेना चाहते हैं। कॉल के अलावा, जो यूजर्स मैसेज से परेशान हैं, उन पर भी यह एक्शन लागू होगा।
![TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए सख्त किए नियम, अब स्पैम कॉल की सही संख्या नहीं दिखाने पर लगाया जाएगा बड़ा जुर्माना](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2025/02/mpbreaking58713286.jpg)
मोबाइल यूजर्स TRAI के इस फैसले से राहत पाएंगे
भारत में करोड़ों मोबाइल यूजर्स TRAI के इस फैसले से राहत पाएंगे। TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को यह साफ कर दिया है कि उन्हें स्पैम कॉल और एसएमएस की पहचान को एनालाइज करना होगा। कंपनियों को एनालिसिस हाई कॉल वॉल्यूम, लो इनकमिंग-टू-आउटगोइंग कॉल रेश्यो, शॉर्ट कॉल ड्यूरेशन रेश्यो के आधार पर करना होगा और स्पैमर्स की पहचान करनी होगी। TRAI द्वारा इन नियमों में संशोधन करते हुए अब कहा गया है कि कंपनियों को एसएमएस की ओरिजिनल संख्या बताना अनिवार्य होगा। अगर किसी कंपनी द्वारा इसका उल्लंघन किया जाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। पहली बार उल्लंघन करने पर कंपनियों पर ₹2,00,000 का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि दूसरी बार यह जुर्माना ₹5,00,000 का होगा। अगर कोई कंपनी बार-बार नियम तोड़ती है, तो उल्लंघन के हिसाब से उसे ₹10 लाख तक का जुर्माना देना होगा।
इन नियमों में किया जा चुका है बदलाव
जानकारी दें कि फेक कॉल और ग्राहकों को परेशान करने वाले स्पैम कॉल्स को बंद करने के लिए TRAI ने कई कड़े कदम उठाए हैं। TRAI ने पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए कमर्शियल कम्युनिकेशन के 10 अंकों वाले नंबरों से आने वाले फोन पर रोक लगा दी है। यानी अब टेलीमार्केटिंग के लिए 10 अंकों वाले नंबर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इसकी जगह कंपनियों को 140 वाली सीरीज का उपयोग करना होगा, जबकि ट्रांजैक्शन और सर्विस कॉल्स के लिए 1600 सीरीज का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, TRAI ने यूजर्स की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए इस प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। अब यूजर्स को कम्युनिकेशन प्रेफरेंस के लिए रजिस्टर करना अनिवार्य नहीं होगा।