मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता वह पवित्र ग्रंथ है जिसमें जीवन की सारी शिक्षाएं समाहित हैं। श्रीकृष्ण ने हमें सिखाया है कि चुनौतियों के बीच भी मुस्कुराते हुए कर्तव्य पथ पर चलना चाहिए। गीता जयंती के अवसर पर प्रदेशभर के 313 विकासखंडों, 55 जिला मुख्यालयों तथा 10 संभागों में आचार्यों की सान्निध्य में में 3 लाख से अधिक गीताभक्तों द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सामूहिक सस्वर पाठ किया जा रहा है।
गीता जयंती के अवसर पर उज्जैन, भोपाल और इंदौर में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। आज शाम मुख्यमंत्री इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा क्षेत्र स्थित गोपाल मंदिर परिसर में मध्यप्रदेश के पहले गीता भवन का लोकार्पण करेंगे। इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर 16 से 28 नवंबर तक चले श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की घोषणा भी की जाएगी। विजेताओं को पुरस्कार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने किया अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि कि उज्जैन वो धार्मिक नगरी है जहां पांच हजार वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने सांदीपनि आश्रम में बलराम और सुदामा के साथ शिक्षा ग्रहण की थी। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन हमें सदैव प्रेरणा देता है। कालिया नाग पर सिर्फ कन्हैया ही नृत्य करते हैं। विपरित परिस्थितियों में कष्टों में मुस्कुराने का ये अनुपम उदाहरण है। सीएम ने कहा कि “कंस के वध के बाद श्रीकृष्ण ने सिंहासन की बजाय पढ़ने को महत्व दिया..ये हमारे विद्यार्धियों के लिए सबक है। श्रीकृष्ण ने हमें सदैव सारी चुनौतियों के बीच मुस्कुराते हुए कर्तव्य के पथ पर चलने का ज्ञान दिया है। उन्होंने कि मृत्यु के भय से दूर होने और कर्म करने का संदेश दिया है। श्रीमद्भगवद्गीता ने बताया है कि जब जब धर्म की हानि होगी और अधर्म बढ़ेगा तो परमेश्वर स्वयं आएंगे और संसार में फिर से धर्म, सद्कर्मों , मानवता की स्थापना करेंगे।”
‘श्रीमद्भगवद्गीता में जीवन का सार समाहित’
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गीता में वसुधैव कुटुंबकम का उपदेश है और हम सदैव इस परंपरा का पालन करते आए हैं। उन्होंने कहा कि ठश्रीकृष्ण ने अपने पुत्र या शिष्य को भी द्वारिका की गद्दी नहीं दी इसलिए वो जनतंत्र और गणतंत्र के नायक भी हैं। श्रीमद्भगवद्गीता वो पवित्र ग्रंथ है जिसमें जीवन की सारी शिक्षाएं हैं। पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाने की शुरुआत की और आज ये वृहद रूप ले चुका है। नई शिक्षा नीति में हमारे पाठ्यक्रम में भी हमने श्रीमद्भगवद्गीता को महत्व दिया है। हम अपने आदर्शों से सीखें इससे अच्छी बात क्या होगी। धर्म के माध्यम से हम जीवन का मर्म समझते हैं। गीताजी हर बच्चे के बस्ते में होनी चाहिए, हर स्कूल में होनी चाहिए। श्रीमद्भगवद्गीता हमे जीवन का संतुलन सिखाती है और हमें इसे आत्मसात करना चाहिए।”
उज्जैन में तीन दिवसीय आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान उज्जैन के दशहरा मैदान में 1 से 3 दिसंबर तक तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इसके पहले दिन इसमें पहले दिन अभिनेता पुनीत इस्सर नृत्य-नाटिका “जय श्रीकृष्णा” का मंचन होगा। दूसरे दिन: राजधानी दिल्ली की कविता-पाठिनी द्वारा “विराटजयी” और में मुंबई के कलाकारों की “कृष्णायन” संगीत प्रस्तुति होगी। वहीं तीसरे दिन विश्ववंदनीय एवं बैंगलोर के डॉ. सलाउद्दीन पाशा द्वारा निर्देशित गीता ऑन व्हील्स की प्रस्तुति दी जाएगी। इसी के साथ लघु चित्र शैली में प्रदर्शनी “माधव दर्शनम” प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन सदैव हमें प्रेरणा देता है…
उज्जैन का सांदीपनि आश्रम अद्भुत है, भगवान श्रीकृष्ण ने यहां आकर शिक्षा ग्रहण की : CM@DrMohanYadav51 @minculturemp #CMMadhyaPradesh #GeetaJayanti #गीता_जयंती pic.twitter.com/w33bmK5r5p
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा दशहरा मैदान, उज्जैन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में सहभागिता https://t.co/Ihh2nSpfCk
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