मध्य प्रदेश सरकार के पर्याप्त खाद के दावों के बावजूद खाद नहीं मिलने से व्यापारी और किसान दोनों ही परेशान हैं कई जिलों में खाद वितरण केंद्रों पर लम्बी लम्बी लाइन देखी जा रही हैं, कुछ जगह से तो किसानों को खाद की जगह पुलिस की लाठियां मिलने की भी ख़बरें सामने आई लेकिन अब जो खबर सामने आई है उसने पूरी खाद वितरण व्यवस्था की पोल खोल दी है।
उमरिया जिले के खाद विक्रेता दुकानदारों ने आज मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपकर खाद वितरण व्यवस्था में चल रहे गोरखधंधे को उजागर किया है, कृषि आदान विक्रेता संघ के बैनर तले इकट्ठा हुए उमरिया के खाद विक्रेता आज कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और तीन सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
इस ज्ञापन की खास बात ये है इसने उन दावों की पोल खोल दी जिसमें कहा जा रहा है कि कलेक्टर की निगरानी में खाद का वितरण हो रहा है, इन दुकानदारों का आरोप है कि उन्हें बेचने के लिए खाद ही नहीं मिलता, व्यापारियों ने कहा उमरिया जिले के अलावा, अनुपपुर और शहडोल जिले के व्यापारियों के हिस्से का खाद कंपनी सतना में ही बेच देती है।
प्राइवेट दुकानदारों के साथ हो रहा धोखा
व्यापारियों ने कहा कि जब इसका विरोध किया गया तो कहा गया कि शहडोल की रैक आयेगी तब आपको खाद मिल जायेगा जबकि हकीकत ये है कि शहडोल में यार्ड ही नहीं है रैक पॉइंट है ही नहीं उसे ख़त्म कर दिया गया है यानि हमसे झूठ बोला जा रहा है।
व्यापारियों पर फर्जी मुकदमे लादे जा रहे
दुकानदारों ने कहा यदि खाद खरीदना भी चाहें तो 100 रुपये महंगा मिल रहा है साथ में ट्रेडिंग भी लगा रहे हैं उन्होंने कहा कि यदि ट्रक से माल उतर रहा है और ऐसे में यदि कृषि विभाग वाले आकर सेंपल ले गए और वो फेल हो गया तो दुकानदार पर मुकदमा दर्ज कर देते हैं जबकि माल उतरकर गोदाम तक भी नहीं पहुंच पाता उससे पहले व्यपारी को ही मुलजिम बना दिया जाता है।
सोसायटियों पर ब्लैकमार्केटिंग के आरोप
व्यपारी ने सोसायटियों में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल का जिक्र करते हुए कहा कि DAP खाद आई है लेकिन आप जाकर स्टॉक देखेंगे तो सब बिका हुआ दिखेगा लेकिन मिला किसी को नहीं, दो बोरी किसान को देते हैं और उसके नाम पर 20 बोरी चढ़ा देते हैं और मिलीभगत कर 400-450 रुपये में बेच रहे हैं बदनाम व्यापारी हो रहा और सोसायटी वाले मजे कर रहे हैं।
उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट





