मध्य प्रदेश (MP) को भारत का दिल कहा जाता है। यह नवाबों का शहर है। यहां घूमने के लिए से एक स्थान है। इसके अलावा, आप यहां पर विभिन्न प्रकार के स्वादों का आनंद भी उठा सकते हैं। सांस्कृतिक और अनोखी परंपरा के लिए जाने जाने वाले इस राज्य का इतिहास काफी पुराना रहा है। मध्य प्रदेश खानपान, संस्कृति और परंपराओं के अलावा अन्य बहुत सारे कारणों से जाना जाता है। सालों भर यहां पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। राजनीति के क्षेत्र में भी यहां काफी सक्रियता देखने को मिलती है।
हालांकि, आज भी इस राज्य में ऐसे कई गांव और कस्बे हैं, जहां लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। इसके बावजूद, केंद्र और राज्य सरकार अपनी रैलियों में विकास को लेकर तमाम तरह के दावे करती है, जिसकी धरातल पर सच्चाई कुछ और ही बयां करती है।
मानपुर नगर परिषद
एक ओर जहां आजादी को करीब 80 साल होने जा रहे हैं, वहीं कई गांव सड़क, पानी और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है। इससे आम जनता को हर मौसम में चाहे गर्मी हो या सर्दी… खासकर बारिश के दिनों बहुत ही ज्यादा तकलीफों का सामना करना पड़ता है। जिसका एक ताजा मामला उमरिया के मानपुर नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 15 हनचौरा से सामने आया है। यहां के लोग आज भी इन्हीं समस्याओं से जूझ रहे हैं। चार साल पहले पंचायत से हटाकर इस क्षेत्र को नगर परिषद में शामिल किया गया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। यहां की बदहाल सड़कें और पानी की कमी अब गांव की सामाजिक व्यवस्था को भी प्रभावित कर रही हैं।
बना चिंता का विषय
मिली जानकारी के अनुसार, गांव के युवाओं की शादी सिर्फ इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि यहां सड़क और पानी की सही व्यवस्था नहीं है। संग्राम कोल नामक युवक ने बताया कि उसकी शादी के लिए रिश्तेदार दो बार आए, लेकिन गांव की सड़क और हालात देखकर बिना रिश्ता पक्का किए ही लौट गए। यही नहीं, शादी से पहले आने वाले रिश्तेदार भी अब सबसे पहले गांव की सुविधाओं के बारे में पूछताछ करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति अब पूरे गांव के लिए चिंता का कारण बन गई है।
होती है परेशानी
वहीं, इस इलाके की विधायक भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं। चुनाव के समय विकास के बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन अब लोग कहते हैं कि चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि यहां लौटकर आए। गांव की सड़कें इतनी खराब हैं कि बच्चों को स्कूल आने-जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। वहीं, प्रसूताओं को अस्पताल ले जाना भी चुनौती बन गया है क्योंकि 108 एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती।
सीएमओ ने दिया आश्वासन
ग्रामीण सुरेश प्रसाद कोल और मधुसूदन प्रसाद शुक्ला का कहना है कि नगर परिषद बनने के बाद उम्मीदें बढ़ी थीं, लेकिन हालात पहले जैसे ही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क के अभाव ने ग्रामीणों का जीवन मुश्किल बना दिया है। वहीं, जब मीडिया ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया तो नगर परिषद मानपुर के सीएमओ राजेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हनचौरा हाल ही में नगर परिषद में शामिल हुआ है। ग्रामीणों की मांग के अनुसार कार्य योजनाएं बनाई जाएंगी। सीथ ही सड़क, पानी व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव





