समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा जांच रिपोर्ट के बाद उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पलायन के मुद्दे को लेकर सरकार की नाकामी पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा लोगों में विश्वास जगाने, सामाजिक सौहार्द स्थापित करने और रोजगार प्रदान करने में पूरी तरह विफल रही है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के कारण समाज में एकता की कमी है और पलायन का प्रचार सरकार की असफलता का प्रतीक है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों के कारण न तो स्किल मैपिंग से कोई ठोस परिणाम मिला और न ही राज्य का संतुलित विकास हुआ। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने गुजरात के कारोबारियों को प्राथमिकता दी, जिसके चलते उत्तर प्रदेश के लोगों को रोजगार के लिए अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ा। इसके अलावा, उन्होंने रोजगार मेलों को महज एक इवेंट करार देते हुए इसे युवाओं के साथ धोखा बताया और कहा कि भाजपा के लिए नौकरी सिर्फ एक जुमला है।
आर्थिक और जनसांख्यिकीय स्तर पर भी सरकार को घेरा
सपा प्रमुख ने आर्थिक और जनसांख्यिकीय स्तर पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार न तो लोगों को रोजगार दे पाई और न ही जीवन स्तर में सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठा पाई। अखिलेश ने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में ऐतिहासिक रूप से भारतीयों का विदेश पलायन बढ़ा है, क्योंकि सरकार उच्च स्तर के शिक्षण संस्थान स्थापित करने में असफल रही। उन्होंने कहा कि पलायन का झूठ फैलाने वाले लोग प्रदेशवासियों के सच्चे हितैषी नहीं हैं।
भाजपा की नीतिया समाज में नफरत और विभाजन को बढ़ावा
अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का सीधा जिक्र किए बिना भाजपा की नीतियों को समाज में नफरत और विभाजन को बढ़ावा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों और योजनाओं के कारण लोग रोजी-रोटी की तलाश में मजबूरन पलायन कर रहे हैं। सपा नेता ने जोर देकर कहा कि भाजपा का यह प्रचार केवल उनकी नाकामियों को छिपाने का प्रयास है और यह उत्तर प्रदेश के विकास में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है।





