ब्रज क्षेत्र जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं का प्रतीक माना जाता है। हमेशा से यह क्षेत्र सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता रहा है। हाल ही में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने वृंदावन दौरे के दौरान मांस मदिरा पर प्रतिबंध की माँग उठायी। उन्होंने कहा कि ब्रज में कहीं भी मांस का सेवन या मदिरा का सेवन धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से उचित नहीं है।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां स्थानीय संस्कृति और धार्मिक वातावरण को ख़त्म कर देती हैं। धीरेंद्र शास्त्री की यह माँग वृंदावन में प्रेमानंद महाराज से मुलाक़ात के दौरान और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों और पवित्रता की रक्षा के लिए मांस मदिरा की बिक्री और सेवन पर कड़े प्रतिबंधों की आवश्यकता है।
धीरेंद्र शास्त्री: जातिवाद देश को कमजोर करता है
धीरेंद्र शास्त्री ने जातिवाद पर भी प्रहार किया है और कहा है कि देश को कमज़ोर करने में सबसे बड़ा योगदान जातिवाद का है। उन्होंने सनातन एकता पदयात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि यह यात्रा 7 नवंबर से 16 नवंबर तक कात्यायिनी मंदिर दिल्ली से बांकेबिहारी मंदिर तक चलेगी। संत महापुरुष इस पद यात्रा में आगे आगे चलेंगे, और हम पीछे चलकर उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि हम किसी के विरोध में ये सब नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम केवल सनातन धर्म और संस्कृति के लिए काम कर रहे हैं। हमारी लड़ाई विचारों की है, तलवार की नहीं।
मांस-मदिरा बंद करने और कृष्ण कन्हैया मंदिर के निर्माण की अपील
उन्होंने सभी ब्रजवासियों से अपील की है कि मांस मदिरा की दुकानों को बंद कर दिया जाए, यमुना मैया शुद्ध रहे, भारत हिंदू राष्ट्र रहे और कृष्ण कन्हैया का भव्य मंदिर बने, गौ माता का समर्थन हो इस मंगलकामना को देखते हुए हम यह पद यात्रा करने जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने एकता का संदेश देते हुए यह भी कहा कि, अकेले रहोगे तो टूट जाओगे, अलग-अलग रहोगे तो टूट जाओगे। हमें एकजुट रहना है।





