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Thu, Dec 11, 2025

बहराइच हिंसा मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, मुख्य आरोपी सरफराज को सुनाई फांसी की सजा, 9 दोषियों को उम्रकैद

Written by:Shyam Dwivedi
यूपी के बहराइच जिले में अक्टूबर 2024 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन उत्सव के दौरा भड़की हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा की हत्या मामले में अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी सरफराज को फांसी और अन्य 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
बहराइच हिंसा मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, मुख्य आरोपी सरफराज को सुनाई फांसी की सजा, 9 दोषियों को उम्रकैद

उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के बहराइच (Bahraich) जिले में अक्टूबर 2024 को दुर्गात्सव के समय हिंसा भड़की थी जिसमें एक शख्स रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या की गई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच की और मुख्य आरोपी समेत अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया। गुरुवार को इन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया और सुनवाई हुई। अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी सरफराज को फांसी और अन्य 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी आरोपियों पर एक लाख का जुर्माना लगाया है।

बता दें कि बहराइच हिंसा में हुई रामगोपाल की हत्या के बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही मृतक के परिवारों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था। इस हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक टीम भी गठित की थी जिसकी लगातार जांच चली। इस घटना के बाद से ही लोगों की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी।

इन दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा

बता दें कि कोर्ट ने 9 दिसंबर को 13 आरोपियों में से 10 को दोषी ठहराया था, जबकि तीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। दोषी ठहराए गए आरोपी अब्दुल हमीद, उसके बेटे फहीम, सरफराज, तालिब, सैफ, जावेद, जीशान, ननकऊ, शोएब और मारुफ हैं। इनमें से सरफराज को फांसी की सजा मिली है।

क्या है पूरा मामला?

13 अक्टूबर 2024 को यूपी के बहराइच जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। जिसमें रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पूरे इलाके में इंटरनेट सेवा को बंद किया और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। इसके बाद भी हालात नियंत्रित नहीं हुए। मुख्यमंत्री योगी ने हस्तक्षेप किया और यूपी एटीएस चीफ अमिताभ यश को जिम्मेदारी सौंपी, तब धीरे-धीरे हालात सामान्य होने शुरू हुए।

इस घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। पुलिस ने सभी से पूछताछ के बाद 11 जनवरी 2025 को अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले से जुड़े 12 गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी थी। 21 नवंबर को जज ने फैसला सुरक्षित रखा और बीते 11 दिसंबर को 10 आरोपियों को दोषी ठहराया और तीन को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया था।