पृथ्वी पर विनाश की एक और भविष्यवाणी, NASA ने तैयार की रिपोर्ट

Kashish Trivedi
Updated on -

विदेश, डेस्क रिपोर्ट। दुनिया (world) के अन्य हिस्सों में बाढ़ के साथ-साथ ग्लेशियर (glacier) पिघलने को वैश्विक जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। अब, एक नए अध्ययन ने इन जलवायु परिर्वतन (climate change) को मौसम की घटनाओं के साथ चंद्रमा से जोड़ा है। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते समुद्र के जलस्तर साथ मिलकर चंद्रमा (moon) की कक्षा में एक हलचल पैदा करेगी। जिससे ये हलचल पृथ्वी को विनाशकारी बाढ़ (flood) से तबाह कर देगा। अध्ययन 21 जून को नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल में प्रकाशित हुआ था।

अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि ग्लेशियर पिघलने की वजह से कई देशों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वहीं NASA ने समुद्र के बढ़ते जलस्तर के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है। NASA के मुताबिक 2030 में जलवायु परिवर्तन के कारण चांद अपनी कक्षा में हलचल उत्पन्न करेगा और इससे धरती पर विनाशकारी बाढ़ आएगी।

Read More: इन 9 IPS अफसरों को जल्द मिलेगा Promotion, स्पेशल DG रैंक पर होंगे प्रमोट, 2 अफसरों को झटका

NASA के अध्ययन के मुताबिक 2030 के दशक के मध्य में विनाशकारी बाढ़ की स्थिति बनेगी और अचानक से यह नियमित हो जाएगी अध्ययन में कहा गया है कि अमेरिकी तटीय इलाके में समुद्र की लहरें अपनी सामान्य ऊंचाई से 3 से 4 फीट ऊंची उठेगी। वही यह सिलसिला एक दशक तक जारी रहेगा।

NASA के प्रशासक बिल के मुताबिक समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है और यह मुश्किलें आने वाले समय में और दृढ़ होगी। जिसकी वजह से चांद के कक्षा में गुरुत्व खिंचाव, बढ़ता समुद्र जल स्तर और जलवायु परिवर्तन एक साथ मिलकर तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा करेंगे। जिसके चलते भारी तबाही मचेगी।

मामले में यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के असिस्टेंट प्रोफेसर फिल थॉमसन ने कहा है कि जब चांद अपनी कक्षा में डगमगाता है तो उसे पूरा होने में 18 साल का वक्त लगता है लेकिन पृथ्वी बढ़ती गर्मी के कारण समुद्री जलस्तर के साथ मिलकर यह खतरनाक हो जाएगा।। इसके बाद 18 साल से आधे समय में यानी कि तकरीबन 9 साल के बाद पृथ्वी पर समुद्र में सामान्य लहर का उतना कम हो जाता है वही हाई टाइड की ऊंचाई सामान्य तौर पर कम होती है लेकिन लो टाइड की ऊंचाई सामान्य तौर पर सामान्य से काफी अधिक आंकी जाती है। जिस कारण से पृथ्वी पर आने वाला बाढ़ विनाशकारी होगा।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News