Anti-Procrastination Café : इस कैफे में कस्टमर जाएंगे अपनी मर्जी से, लेकिन तब तक नहीं लौटेंगे जब तक…

Anti-Procrastination Café : लोग कैफे में जाते हैं थोड़ा चिल करने, डेट पर, अच्छा वक्त गुजारने, फ्रेंड्स के साथ मिलने जुलने या फिर और भी कई कारणों से। अच्छी कॉफी, स्नेक्स, एंबियंस और वहां मिलने वाली सुविधाओं के हिसाब से सबसे अपने अपने फेवरेट कैफे होते हैं। आजकल तो ऐसे कैफे भी बन गए हैं जहां आपको वर्किंग स्पेस मिलता है और आप यहां बैठकर अपना काम कर सकते हैं।

कैफे विद वर्किंग स्पेस का कॉन्सेप्ट ही है कि आप वहां अपना टेम्परेरी वर्क स्टेशन बना सकती है। यहां वाई फाई की सुविधा मौजूद होती है और जो लोग अपने लैपटॉप पर काम करते हैं वो यहां आकर आराम से काम पूरा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सारी सुविधाएं मिलती है। ऐसा ही एक कैफे की इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है। ये भी एक ऐसा ही कैफे है जहां आपको वर्किंग स्पेस मिलता है, लेकिन इसकी खासियत कुछ और है।

जब भी कोई कैफे में काम करने के इरादे से जाता है तो वो उसकी मर्जी होती है। जब तक वो चाहे काम करे और जब चाहे उठकर चल दे। लेकिन एंटी प्रोक्रेस्टिनेशन कैफे (Anti-Procrastination Cafe) में आप जाएंगे तो अपनी मर्जी से, मगर आ तभी सकते हैं जब आपका काम पूरा हो जाए। जापान की राजधानी टोक्यो के कियोंजी में स्थित इस कैफे के कर्मचारी इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि आप अपना प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, राइटिंग वर्क या जो भी काम करने पहुंचे हैं, वो हर हाल में पूरा करें। जब तक आप अपना टारगेट पूरा नहीं कर लेते हैं, ये आपको कैफे से बाहर नहीं जाने देते हैं।

यहां शुरुआती 30 मिनट के लिए 150 जापानी येन (करीब 92 रुपये) देने होते हैं। उसके बाद हर घंटे के लिए आपको 300 येन (करीब 184 रुपये) लगेंगे। जब कस्टमर कैफे में जाता है तो उसे अपने और काम के बारे में पूरी जानकारी देनी होती है। इसके बाद आपको कैफे के कर्मचारी और कभी कभी मालिक भी बराबर चेक करते रहते हैं, और जब तक आप काम पूरा नहीं कर लेते ये आपके सिर पर सवार रहते हैं। फिर भले ही आपके कैफे बंद होने के बाद भी वहां रूकना क्यों न पड़े। इस कैफे में सिर्फ 10 सीट ही हैं और अनलिमिटेड कॉफी और स्नेक्स की सर्विस है। अगर किसी को तय समय में अपना काम पूरा करना है, तो ये कैफे उसके लिए बहुत मुफीद जगह है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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