Video : इंसान की सोहबत में बदली जानवरों की आदतें, पशु-पक्षियों का शहरीकरण

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हम सब प्रकृति से सीखते हैं। आदिम युग से तकनीकी युग तक के सफर में हमने हमेशा कुदरत, पशु-पक्षियो से बहुत कुछ सीखा है। लेकिन सीखने की प्रक्रिया हमेशा दोतरफा होती है। अगर हम जानवरों से कुछ सीखते हैं तो वो भी हमारी सोहबत में काफी कुछ नया आजमाने लगते हैं।

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आजकल जानवरों का भी शहरीकरण होने लगा है। वो जो पालतू हैं उनकी तो काफी आदतें इंसानों से मिलने लगी है। हम उन्हें कपड़े पहनाने लगे हैं, अपनी तरह का खाना खिलाने लगे हैं। उनके लिए भी वो सारे साजो सामान मौजूद है जिनका इस्तेमाल इंसान करता है। उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग देकर अपने अनुसार ढाल लेते हैं। इससे जानवरों की आदतें इतनी बदल जाती हैं कि वो फिर कभी भी अपने प्राकृतिक स्वरूप में नहीं लौटते। पालतू जानवर हमारे घरों में बच्चों की तरह ही पलते हैं और वो भी हमें उसी तरह प्रेम देते हैं। इस दौरान वो हमारी आदतों को भी अपनाने लगते हैं।

आज हम आपके लिए ऐसा ही एक वीडियो लेकर आए हैं। इसमें अलग अलग जानवर अलग अलग मुद्राओं में नजर आ रहे हैं। एक हाथी है जो टायर चलाता हुआ दिख रहा है। ये खेल बचपन में कई लोगों ने खेला होगा। टायर चलाना बड़ा ही मजेदार होता था। एक कुत्ता झूला झूलता नजर आ रहा है। बकरी अपने परिवार को एक हाथ गाड़ी में हांक रही है। एक डॉगी बच्चों के जंपर पर कूद रहा है। इस तरह कई सारे पशु पक्षी हैं जो इंसान के नजदीक रहने के कारण अलग आदतों के साथ नजर आ रहे हैं। ये क्यूट वीडियो है और इसमें सारे जानवर काफी मस्ती करते दिख रहे हैं। लेकिन ये सवाल भी छोड़ जा रहे हैं कि आखिर इन्हें इनकी प्रकृति से अलग करने का दूरगामी नतीजा क्या होगा।

https://twitter.com/Gabriele_Corno/status/1560191056897097729?s=20&t=9J_bHs6gPgV9mT6MSCl70g


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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