Viral Video : क्या आपने देखी है चौकोर पहिये वाली साइकिल, देखिए नयी तकनीक

Square wheeled bicycle : पहिये का अविष्कार मानव सभ्यता के सबसे अहम अविष्कारों में से एक है। सबसे पुराने पहिये के सबूत 3500 ईसा पूर्व के हैं, जो प्राचीन मेसोपोटामिया में पाए गए थे। उसके बाद से लेकर अगर अब तक की बात करें तो दुनिया में सैकड़ों तरह के पहिये आ गए हैं, लेकिन वो होते गोल ही हैं। पहिये का अर्थ ही है एक ऐसा यांत्रिक पुर्जा जो चक्र के आकार का है और और एक धुरी पर घूमता है। लेकिन क्या आपने कभी चौकोर पहिया देखा है।

आज हम आपको एक ऐसी साइकिल दिखाने जा रहे हैं..जिसे देखने के बाद आप इस सोच में पड़ जाएंगे कि ये आखिर चलेगी कैसे। इस साइकिल के पहिये गोल नहीं चौकोर है। इसे देखकर ये सवाल उठना भी लाज़मी है कि आखिर ऐसी डिजाइन क्या सोचकर बनाई होगी और ये साइकिल सिर्फ शोपीस तो नहीं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है..ये साइकिल बाकायदा चलती है और आप इसे सड़क पर आराम से चला सकते हैं।

दरअसल इस साइकिल में पहिया नहीं घूमता, क्योंकि पहिया तो चौकोर है। इसलिए इस पहिये में लगे रबड़ को देखिए..इसमें एक रबड़ का आवरण है और पैडल मारने पर वही घूमता है और साइकिल आगे बढ़ती है। पैडल मारने पर ये रबड़ का बेल्ट पहिये के चारो तरफ घूमने लगता है और यही इसे ड्राइव करता है। इस तरह अब आप इस चौकोर पहिये वाली साइकिल का मैकेनिज्म समझ गए होंगे। लेकिन फिर भी ये सवाल तो उठता ही है कि जब गोल पहिया है तो इतनी अतिरिक्त मेहनत की आखिर क्या जरूरत है। संभव है कि इसे बनाने के पीछे कुछ और उद्देश्य हो या शायद ये एक नई तकनीक का इजाद हो, लेकिन ये तो तय है कि चौकोर पहिये वाली ये साइकिल एकबारगी सभी को हैरत में जरूर डाल देगी।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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