बिजली पैदा कर बेचने वाला प्रदेश का पहला विद्यालय बना मॉडल स्कूल

जबलपुर| निजी स्कूलों के साथ साथ अब प्रदेश के सरकारी स्कूल भी हाईटेक होने की राह में चल रहा है।जबलपुर शहर का पंडित लज्जा शंकर झा मॉडल स्कूल जिले का एकमात्र ऐसा स्कूल है जो कि बिजली उत्पादन कर उसे बेच रहा है।संभवत यह भी माना जा रहा है कि प्रदेश का यह पहला ऐसा सरकारी स्कूल है जो कि बिजली उत्पादन कर उसे बेच रहा है।मॉडल स्कूल की प्राचार्य वीणा वाजपेई की मानें तो मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम ने करीब 15 लाख की लागत से 10 किलो वाट का सोलर पैनल मॉडल स्कूल में लगाया है।सोलर पैनल से बनने  वाली बिजली से पूरा मॉडल स्कूल का परिसर और हॉस्टल तो जगमगा ही रहा है इसके साथ ही साथ जो बिजली बचेगी उसे स्कूल बेचेगा भी।सोलर पैनल को हॉस्टल के छत पर लगाया गया है। माना जा रहा है कि सोलर पैनल लगने से 20 से 30 हजार रु  तक स्कूल के बचेंगे। फिलहाल स्कूल प्रबंधन को हर माह 30000 रु बिजली का बिल जो देना पड़ रहा था अब वह राशि स्कूल प्रबंधन अन्य विकास कार्यों में लगा रहा है। स्कूल परिसर में लगे 10 किलो वाट के सोलर पैनल से रोजाना 8. 50 किलो वाट बिजली बन रही है और जिसका बैकअप 12 घंटे का है। मतलब 12 घंटे तक धूप नहीं मिलने पर भी सोलर पैनल से स्कूल परिसर की लाइट जलाई जा सकती है।प्राइमरी से लेकर हाई सेकेंडरी स्कूल में हर माह 600 यूनिट बिजली खपत होती है जबकि सोलर पैनल रोजाना 8.50 किलो वाट बिजली उत्पन्न कर रहा है।1 किलो वाट में 1000 यूनिट बिजली होती है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मॉडल स्कूल रोजाना करीब 7000 यूनिट बिजली बेच सकता है।


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