भोपाल।
गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में उस वक्त विरोध की स्थिति बन गई जब मंत्रियों ने मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली में जाकर धरना देने की बात कही। इस पर प्रमुख सचिव विधि सत्येंद्र कुमार सिंह ने मंत्रियों को नसीहत दे डाली और कहा कि मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक हैं, ऐसा नहीं कर सकते हैं।
दरअसल, बारिश के कहर के बाद केंद्र ने बिहार और कर्नाटक को राहत राशि दे दी है, लेकिन मध्यप्रदेश को अबतक राहत राशि नहीं मिली है, जिससे मंत्रियों में नाराजगी है, इसी के चलते गुरुवार को कैबिनेट मंत्रियों ने मोदी-शाह के खिलाफ दिल्ली में जाकर धरने देने की बात कैबिनेट बैठक में उठाई।मंत्रियों ने कहा कि भाजपा 4 नवंबर को मध्यप्रदेश में मुआवजा न देने को लेकर धरना कर रही है, इसी दिन हमें दिल्ली में जाकर धरना देना चाहिए। सीएम इसी दिन दिल्ली जा रहे हैं।मंत्रियों ने प्रदेश के साथ किए जा रहे भेदभाव पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि हम दिल्ली चलकर केंद्र के खिलाफ धरना दें, उपवास पर बैठें और मार्च निकालें। चर्चा के दौरान प्रमुख सचिव विधि सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक हैं, ऐसा नहीं कर सकते हैं। इस पर मंत्रीगण बोले कि तो फिर हमें प्रतिनिधिमंडल लेकर जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर विचार करते हैं।
बता दे कि गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में चर्चा के दौरान जनसंपर्क मंत्री ने कहा था कि मध्य प्रदेश में अतिवृष्टि बारिश की वजह से 55 लाख किसान प्रभावित , 11 हजार किलोमीटर सड़के खराब और करीब एक लाख घर ढह गये है।प्रदेश में अतिवृष्टी के कारण 16 हजार करोड रुपये का हुआ है, जिसके लिए सी एम कमलनाथ ने पीएम मोदी और गृहमंत्री से मुलाकात की, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने कोई मदद नही की, जबकि बिहार और कर्नाटक को केंद्र सरकार ने बाढ को लेकर सहायता राशि रिलीज की है। शर्मा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर जल्द ही केंद्र सरकार ने बाढ सहायता के लिए राशि नही दी तो राज्य सरकार के मंत्री दिल्ली में जाकर उपवास पर बैठकर प्रदर्शन करेंगें।हालांकि शर्मा ने बताया कि इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया पर केंद्र सरकार का रुख देखकर विचार किया जाएगा।