रतनगढ़ मंदिर पहुंचे बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु, इसलिये है प्रसिद्ध यह स्‍थान

दतिया। जिले के रतनगढ क्षेत्र में रतनगढ मंदिर पर सर्पदंश पीड़ित और श्रद्धालुओं का एक बहुत विशाल मेला लगा. भाई दूज पर हर साल लगने वाले  बुंदेलखंड क्षेत्र के इस सबसे बडे़ मेले में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु और सर्पदंश पीड़ित पहुंचे. मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति को सांप काट ले और अगर उस व्यक्ति के सर्प के काटने वाले अंग के पास माता रतनगढ के नाम पर बंध या धागा बांध दिया जाए तो सांप के जहर का असर नहीं होता. लेकिन बाद में  सर्पदंश से पीडित व्यक्ति को भाई दूज पर बंध कटवाने रतनगढ मंदिर आना पडता है और सर्पदंश से पीडित व्यक्ति जब मंदिर के पहले बहने वाली सिंध नदी पार करता है वैसे ही पीडित व्यक्ति पर बेहोशी आने लगती और मंदिर पर माता के भाई कुंवर बाबा के सामने लाने पर जैसे ही कोई व्यक्ति माता या कुंवर बाबा का नाम लेकर झाड फूंक करता है पीडित पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है, यह भी मान्यता है कि आज के दिन माता के दर्शन करने और मन्नत मांगने पर हर मन्नत पूरी हो जाती है। ये तो रही मान्यता की बाद लेकिन ताज्जुब तब हुआ जब प्रशासन के अधिकारी भी सर्पदंश उतारने की इस कथित प्रक्रिया में शामिल दिखाई दिए. अधिकारियों से जब पूछा गया कि वे झाडफूंक क्यों कर रहे हैं तो उनका कहना था कि प्रशासन का कर्तव्य है कि वे स्थानीय परंपराओं, आस्था व विश्वास को पोषित करे और उन्हें सेवाएं भी दे, इसीलिए वे ये काम कर रहे हैं. इस मुद्दे पर दतिया कलेक्टर भी अपने अधिकारियों के बचाव करते नजर आए.


About Author
Avatar

Mp Breaking News