ग्वालियर। ग्वालियर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी विवेक शेजवलकर को जहां पार्टी की एकजुटता का लाभ मिल रहा है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को अपनों से ही जूझना पड़ रहा है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस कार्यालय पर अपने समर्थन में एक बैठक आयोजित करवाने के लिए भी अशोक सिंह को जिला अध्यक्ष को मनाने उनके घर जाना पड़ा और फिर जब बैठक हुई तो उसमें बहुत से बड़े नेता गायब रहे क्योंकि वे सांसद सिंधिया के प्रचार के लिए गुना शिवपुरी में डटे हैं।
काफी मशक्कत के बाद आखिर अशोक सिंह ग्वालियर सीट से अपना टिकट करवाने में सफल तो हो गए लेकिन कांग्रेसियों का सहयोग ना मिल पाना उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच रहा है। गुटबाजी में उलझी कांग्रेस के नेता अशोक सिंह को दिग्विजय समर्थक होने के कारण वो सहयोग नहीं दे पा रहे जो एक पार्टी प्रत्याशी को मिलना चाहिए। सूत्र बताते हैं कि अपना नाम घोषित होने के बाद अशोक सिंह कांग्रेस कार्यालय पर एक बैठक आयोजित करना चाहते थे। लेकिन जिला कांग्रेस कमेटी इसमें सहयोगात्मक रुख नहीं दिखा रही थी, जिसके बाद अशोक सिंह जिला अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा के घर गए और उनसे बैठक के लिए चर्चा की, भरोसेमंद सूत्रों की माने तो जिला अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा ने अशोक सिंह से साफ कह दिया कि जब तक महल से यानि सिंधिया जी के यहां से परी झंडी नहीं मिल जाती तब तक बैठक संभव नहीं है। मामला सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास तक पहुंचा तब कहीं जाकर महल से हरी झंडी हुई और बीते रोज शाम के समय कांग्रेस कार्यालय पर साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, विधायक मुन्नालाल गोयल, जिला अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा सहित गिने चुने नेता ही शामिल हुए ।
शहर से गायब हैं ज्यादातर सिंधिया समर्थक नेता
अशोक सिंह को विरोधी दल के नेताओँ से उतनी परेशानी नहीं है जितनी अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से है। दरअसल ग्वालियर में दिग्विजय समर्थक नेताओँ को उंगलियों पर गिना जा सकता है, जबकि पूरा अंचल सिंधिया समर्थक है, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्री इमरती देवी, विधायक मुन्नालाल गोयल पूरी तरह सिंधिया समर्थक हैं, शहर जिला और ग्रामीण कार्यकारिणी में भी जिला अध्यक्षों सहित अधिकतर पदाधिकारी सिंधिया समर्थक हैं। इसके अलावा सिंधिया समर्थक कार्यकर्ताओं की शहर में भरमार है लेकिन इस समय अधिकांश पदाधिकारी और कार्यकर्ता शहर से गायब हैं, ये सभी सांसद सिंधिया के चुनाव प्रचार के लिए गुना शिवपुरी में डटे हैं। इसके अलावा कुछ बड़े नेता सिंधिया के साथ उत्तरप्रदेश में हैं। जिससे अशोक सिंह परेशान हैं। यही वजह है कि उन्होंने अभी अपना प्रचार अभियान भी शुरु नहीं किया है। उन्हें उम्मीद है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब उनके समर्थन में सभाएं करेंगे तब सब ठीक हो जाएगा औऱ इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा।
भाजपा प्रत्याशी को मिल रहा पार्टी का पूरा समर्थन
उधर भाजपा प्रत्याशी विवेक शेजवलकर को पार्टी का पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्हें संघ समर्थित प्रत्याशी होने का बहुत लाभ मिल रहा है। बीते रोज संघ से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे ने ग्वालियर में दो दिन रुककर माहौल को विवेक के पक्ष में कर दिया। सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ से पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व को ये निर्देश दिए गए हैं कि पार्टी का कौन पदाधिकारी, बड़ा नेता या कार्यकर्ता प्रचार से खुद को दूर किए हुए है उसकी सूची बनाई जाए। संघ के इस आंतरिक फरमान के बाद पार्टी से रूठे हुए नेता अब मजबूरी में ही सही विवेक शेजवलकर के समर्थन में आ गए हैं। जिससे भाजपा प्रत्याशी के प्रचार प्रसार में कांग्रेस की तुलना में इस समय तेजी देखने को मिल रही है।