जयराम रमेश ने कहा ‘जेपी नड्डा का पूरा नाम झूठ प्रचार नड्डा’, बीजेपी पर लगाया ध्रुवीकरण का आरोप

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को घेरते हुए कहा कि उनके आरोप झूठ पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के भाषण को बीजेपी ग़लत तरीक़े से पेश कर रही है, जबकि वो उसी समय उसपर स्पष्टीकरण भी दे चुके हैं। लेकिन बीजेपी के सभी नेता झूठ बोल रहे हैं और समाज को बाँटने की कोशिश कर रहे हैं।

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Jairam Ramesh cornered JP Nadda : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को घेरते हुए कहा है कि उन्हें लगता था कि उनका पूरा नाम जगत प्रकाश नड्डा है। लेकिन प्रधानमंत्री जी की हवा उनको भी लग गई है और अब वो ‘झूठ प्रचार नड्डा’ बन गए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण का जेपी नड्डा ने सरासर ग़लत अर्थ निकाला है। मनमोहन सिंह ने 9 दिसंबर 2006 को जो भाषण दिया था, उसके अगले ही दिन 10 दिसंबर को एक स्पष्टीकरण भी दे दिया था। लेकिन बीजेपी के सारे नेता ध्रुवीकरण की रणनीति के तहत झूठ बोल रहे हैं।

जेपी नड्डा पर लगाया झूठ बोलने का आरोप

जयराम रमेश ने कहा कि जेपी नड्डा के आरोप झूठ पर आधारित हैं। इसी के साथ उन्होंने एक्स पर लिखा है कि “मेरा रिस्पांस देखिए और प्रधान मंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का स्पष्टीकरण पढ़िए। “संसाधनों पर पहला दावा” के संदर्भ में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का स्पष्टीकरण (दिसंबर 10, 2006) प्रधानमंत्री ने कल (दिसंबर 9, 2006) राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में सरकार की राजकोषीय प्राथमिकताओं पर जो कहा, उसकी जानबूझ कर और शरारतपूर्ण ढंग से गलत व्याख्या करके विवाद पैदा किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कुछ वर्गों में भी प्रधानमंत्री की टिप्पणियों को संदर्भ से अलग हटकर दिखाया गया है। ऐसा होने की वजह से आधारहीन विवाद को बढ़ावा मिला है।”

मनमोहन सिंह का भाषण और उनका स्पष्टीकरण

“यह उस पैराग्राफ का पूरा हिस्सा है जिसमें प्रधानमंत्री ने मामले को स्पष्ट करने के लिए अल्पसंख्यक सशक्तिकरण के मुद्दे का उल्लेख किया है: “मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं बहुत स्पष्ट हैं। कृषि, सिंचाई एवं जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम हमारी प्राथमिकताएं हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए योजनाओं को नए सिरे से तैयार करने की ज़रूरत है। हमें ये सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिमों को विकास में समान भागीदारी मिले। संसाधनों पर पहला हक़ उनका होना चाहिए। केंद्र के पास असंख्य अन्य जिम्मेदारियां हैं जिनकी मांगों को समग्र संसाधन उपलब्धता के अनुरूप बनाना होगा।”

जयराम रमेश ने कहा ‘बीजेपी कर रही है ध्रुवीकरण की कोशिश’

“ऊपर के बयान में यह देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री का “संसाधनों पर पहला हक़” का संदर्भ ऊपर सूचीबद्ध सभी “प्राथमिकता” क्षेत्रों को संदर्भित करता है, जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के उत्थान के कार्यक्रम शामिल हैं। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि प्रधानमंत्री की ये टिप्पणियाँ हाल के महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहद अच्छे प्रदर्शन का ज़िक्र करने और इस उम्मीद के बाद की गई थीं कि अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन जारी रखेगी, जिससे समाज के सभी वर्गों के लिए आय और रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। इस प्रक्रिया से समाज के समृद्ध वर्गों को लाभ होगा। ऐसे में यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह कमज़ोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के कल्याण पर विशेष ध्यान दे। प्रधानमंत्री ने कई अवसरों पर कहा है कि “India must shine, but shine for all” (भारत को चमकना चाहिए, लेकिन सभी के लिए चमकना चाहिए)।” इस तरह कांग्रेस नेता ने पूर्व पीएम के भाषण और उसपर उनके स्पष्टीकरण के बारे में लिखते हुए बीजेपी पर झूठ का प्रचार करने और समाज का ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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