पेयजल संकट : ग्वालियर जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित, बोरिंग पर प्रतिबन्ध

Water-Crisis-in-Gwalior--Boring-restriction

ग्वालियर।  ग्वालियर जिले में बढ़ती गर्मी और लगातार गिरते भूजल स्तर ने प्रशासन के सामने संकट खड़ा कर दिया है । जिसके चलते गर्मी में पेयजल संकट को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अनुराग चौधरी ने म.प्र. पेयजल परीक्षण अधिनियम 1986 के तहत ग्वालियर जिले को जल अभाव ग्रस्त घोषित करने के आदेश जारी किए हैं। जिसके साथ ही नलकूप खननों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

श्री चौधरी ने आदेश जारी कर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में निरंतर भू-जल की गिरावट को देखते हुए संपूर्ण जिले में निजी बोरिंग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही ग्वालियर जिले की सीमा क्षेत्र मे बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं कर सकेंगी और ना ही कोई नलकूप खनन कर सकेंगी। प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंध स्थलों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन करने का प्रयास करेगी मशीन जप्त कर पुलिस प्रकरण कायम करने का अधिकार रहेगा। कलेक्टर श्री चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया है कि उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर 2 वर्ष का कारावास या 2 हजार रूपए तक ज���र्माना से दंडित किया जा सकेगा। उपरोक्त आदेश शासकीय योजना के अंतर्गत किए जाने वाले नलकूप खनन पर लागू नहीं होगा।


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