नहीं रहे पद्मश्री से अलंकृत पं. श्यामलाल चतुर्वेदी, उनकी आंखों में था एक समृध्द लोकजीवन का स्वप्न

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-प्रो. संजय द्विवेदी

      भरोसा नहीं होता कि पद्मश्री से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार- साहित्यकार पं.श्यामलाल चतुर्वेदी नहीं रहे। शुक्रवार सुबह ( 7 दिसंबर,2018) उनके निधन की सूचना ने बहुत सारे चित्र और स्मृतियां सामने ला दीं। छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के अध्यक्ष रहे श्री चतुर्वेदी सही मायनों में छत्तीसगढ़ की अस्मिता, उसके स्वाभिमान, भाषा और लोकजीवन के सच्चे प्रतिनिधि थे। उन्हें सुनकर जिस अपनेपन, भोलेपन और सच्चाई का भान होता है, वह आज के समय में बहुत दुर्लभ है। श्यामलाल जी से मेरी पहली मुलाकात सन् 2001 में उस समय हुयी जब मैं दैनिक भास्कर, बिलासपुर में कार्यरत था।


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