नई दिल्ली| आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ ये कार्रवाई की है|
बता दें, जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमला किया था. इसके बाद से ही भारत लगातार मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिश कर रहा था. अब 75 दिन बाद उसे कामयाबी मिल गई है| क्योंकि चीन का रुख लचीला हो गया है। एक मई को होने वाली यूएन प्रतिबंध कमेटी की बैठक में चीन मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर लगाए गए अपने टेक्निकल होल्ड को वापस ले लिया है। इससे प्रतिबंधित समूह के खिलाफ वैश्विक वित्तीय प्रतिबंध लगाने का रास्ता साफ हो जाएगा। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति के सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार चीन इस पर वीटो लगा दे रहा था| चीन अभी तक चार बार वीटो लगा चुका था, लेकिन पांचवीं बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वह राजी हो गया है| मसूद को प्रतिबंधित करने के लिए भारत सहित अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन प्रस्ताव ला चुके हैं लेकिन बार-बार चीन इस पर वीटो लगा दे रहा था|
ये प्रस्ताव कब-कब लाए गए
मार्च 2019 : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से संयुक्त राष्ट्र की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के समक्ष नया प्रस्ताव लाया गया लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव पर तकनीकी पहलू का हवाला देकर वीटो कर दिया। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
2017 : मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए अमेरिका ने 2017 में संयुक्त राष्ट्र की समिति के समक्ष प्रस्ताव पेश किया लेकिन चीन ने अपना अड़ंगा लगा दिया। अमेरिका के इस प्रस्ताव का समर्थन ब्रिटेन, फ्रांस और रूस ने किया था।
2016 : मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र की अल कायदा प्रबंध समिति के समक्ष प्रस्ताव पेश किया लेकिन चीन ने अपना टेक्निकल होल्ड लगा दिया। जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने यह प्रस्ताव पेश किया था।
2009 : मसूद पर प्रतिबंध लगाने के लिए यूपीए सरकार ने प्रस्ताव पेश किया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘साल 2009 में यूपीए सरकार मसूद अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव पेश किया। उस समय प्रस्ताव पेश करने वाला भारत अकेला था। साल 2016 में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ मिलकर भारत प्रस्ताव लाया। जबकि 2017 में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस प्रस्ताव लेकर आए।