आज हम जब इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो सबसे ज़्यादा उपयोग गूगल सर्च इंजिन का किया जाता है। आज से 15-20 साल पहले जब हमें किसी संदर्भ में जानकारी चाहिए होती थी तो हम किताबों का सहारा लेते थे या उस विषय के विशेषज्ञ से पूछते थे। लेकिन आज के समय में गूगल सबसे बड़ा विशेषज्ञ हो गया है, शायद ही ऐसी कोई जानकारी होगी जो गूगल के पास नहीं होगी। हम जब भी कोई “की-वर्ड” टाइप करते हैं तो उससे संबंधित सैंकड़ों जानकारियां उपलब्ध हो जाती है। खास बात है कि ये सेवा बिल्कुल मुफ्त है और हमें इसके लिए किसी प्रकार की राशि खर्च नहीं करनी पड़ती है। बस एक क्लिक और हमें अपने काम की सारी जानकारी उपलब्ध हो जाती है, इस प्रकार गूगल हमारे लिए एक रिसोर्स पर्सन का काम भी करता है। आज आप शायद ये सोच भी नहीं सकते कि यदि गूगल न हो तो हम आखिर करेंगे क्या, लेकिन इसी के साथ क्या आपने कभी ये भी सोचा है कि गूगल आखिर बना कैसे। तो आईये, आज हम आपको बताते हैं कि ये जादू जैसा सर्च इंजिन किस प्रकार अस्तित्व में आया।
गूगल का अविष्कार Larry Page औरSergey Brian नामक दो युवाओं ने किया है। ये दोनों कैलिफोर्निया में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। ये बात है 1996 की जब दोनों अपनी पीएचडी कर रहे थे और गूगल को इन्होने अपने प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया। उस वक्त इन्हें अंदाज़ा भी नहीं रहा होगा कि कुछ ही सालों में ये छोटा सा प्रोजेक्ट दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजिन बन जाएगा। 1997 में जब इसकी शुरूआत हो रही थी जब इन्होने इसका नाम “Googol”रखा था जो कि एक मैथेमेटिकल शब्द है जिसका अर्थ है 1 के पीछे सौ बार शून्य, लेकिन गलती से ये शब्द “Google” हो गया और आज इसी नाम से दुनिया भर में मशहूर हो चुका है।