शरद पूर्णिमा- क्यों बनाई जाती है आज के दिन खीर, जानिए क्या कहता है साइंस

Significance of kheer on sharad poornima

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। आज देश भर में शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जा रहा है। ये पूर्णिमा साल भर में आने वाली 13 शुभ पूर्णिमाओं में से एक है। हिंदू पौराणिक कथाओं में बताया जाता है कि शरद पूर्णिमा साल का एकमात्र ऐसा दिन है, जब चंद्रमा अपने सभी सोलह कलाओं या चरणों में देदीप्यमान होता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। बताया जाता है कि जो कोई भी इस दिन व्रत रखता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। ये पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्ध है। मां लक्ष्मी के साथ इस पूर्णिमा पर चंद्रमा और भगवान विष्णु की भी पूजा अर्चना की जाती है।

शरद पूर्णिमा 2020 का मुहूर्त:


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।