नेताजी की जीत की हुई इतनी खुशी कि समर्थक ने कर दिया यह बड़ा एलान

ग्वालियर,अतुल सक्सेना। चुनावों (election) में जीत या हार के लिए कही गई बातों या शर्तों से बड़े नेता भले ही चुनाव परिणाम (election result) के बाद बदल जाएं लेकिन उनके समर्थक (supporter) ना ही भूलते हैं और ना ही इससे बदलते हैं। क्योंकि हार,जीत जितना प्रत्याशियों  के लिये मायने रखती है उन ही उनके समर्थकों के लिए मायने रखती है। अपने नेता की जीत पर एक समर्थक की खुशी इतनी बढ़ गई कि उसने अपने सैलून पर कटिंग और शेविंग मुफ्त करने का एलान कर दिया।

उप चुनाव (By election) के नतीजे सामने आ चुके हैं, नतीजों के बाद जहाँ भाजपा (bjp)19 सीटों पर जीत के साथ खुशी मना रही है वहीं कांग्रेस (congress) 9 सीट जीतकर मायूस है। अशोकनगर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे की हार से उनके एक समर्थक ने एलान के मुताबिक मुंडन करा लिया लेकिन ग्वालियर में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत से खुश एक समर्थक ने अपने हेयर कटिंग सैलून (hair cutting saloon) पर कटिंग शेविंग मुफ्त करने का एलान कर दिया। ग्वालियर पूर्व( gwalior east)  विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिंह सिकरवार(satih singh sikarwar)  की जीत के बाद जश्न का माहाैल है। उनके घर पर समर्थकाें का तांता लगा हुआ है। कुछ समर्थक मिठाईयां बांट रहे हैं ताे कुछ आतिशबाजी चला रहे है। लेकिन सतीश सिकरवार के एक कट्टर समर्थक सतीश सविता ने खुशी का इजहार अलग अंदाज में किया है । दरअसल सतीश सिकरवार के कट्टर समर्थक सतीश सविता की नेताजी सतीश सिकरवार के घर के पास ही ललितपुर कॉलाेनी शंकर चाैक पर हेयर कटिंग सैलून है। सतीश सिकरवार की जीत से उत्साहित और खुश सतीश सविता ने सैलून के बाहर पर्चा चस्पा करवाया है कि बुधवार काे कटिंग शेविंग मुफ्त की जाएगी। हालांकि काेराेना संक्रमण के खतरे काे देखते हुए उन्होंने सभी ग्राहकाें से अपील की है कि वह घर से टॉवर जरूर साथ लेकर आएं। गौरतलब है कि सतीश सविता, सतीश सिकरवार के कट्टर समर्थक हैं। उसे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सतीश सिकरवार किस पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं उनकी तो बस यही कामना रहती है कि उसके नेताजी सतीश सिकरवार चुनाव जीतें। पिछली बार सतीश सिकरवार के चुनाव हराने पर सतीश सविता बहुत निराश हुआ था लेकिन इस बार बहुत खुश है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....