Diwali की साफ-सफाई महिला को पड़ी महंगी, बेकार समझ फेंका 3 लाख के गहनों से भरा पर्स

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश में दीपावली का पर्व (Diwali Festival) बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। जिसकी तैयारी के लिए पूरे घर की साफ-सफाई की जाती है। जरा सोचिए इस साफ-सफाई में अगर कचरे के साथ आपका कोई कीमती सामान चला जाए तो दिल की धड़कन थम सी जाती है। ऐसी ही एक घटना पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ (Pimpri Chinchwad) से आई है, जहां रहने वाली एक महिला ने अपना तीन लाख के गहनों वाला पर्स (Purse) कचरा वैन में फेंक दिया।

बेकार समझकर फेंका गहनों से भरा पर्स


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।