इंदौर, आकाश धोलपुरे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक एवं बीजेपी के पूर्व नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा के छत्रीपुरा स्थित निवास पर चार दिन पहले एक साथ कई बदमाशों ने हमला कर घर मेें तोड़ फोड़ मचा दी थी। जिसके बाद इंदौर पुलिस ने बदमाशों की तलाश शुरू कर दी थी।
दरअसल, पुलिस के लिए बदमाशों को पकड़ना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि मध्यप्रदेश में बीजेपी की सत्ता होने के बाद भी पश्चिम बंगाल जैसे हालात बनते नजर आ रहे थे। लिहाजा, पुलिस ने बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए 10 – 10 हजार का इनाम भी घोषित किया था।
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इधर, पुलिस ने दो मुख्य आरोपी अरुण वर्मा और अश्विनी सिरोलिया को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ एन. एस. ए. (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई कर की है। वहीं दोनो के विरुद्ध हत्या के प्रयास का मुकदमा भी दर्ज है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नागदा निवासी आरोपी अश्विनी सिरोलिया के साले का विवाद कोर्ट पेशी के दौरान हुआ था और उसी के तार बीजेपी नेता के घर पर हुए हमले से जोड़कर देखे जा रहे है।
हालांकि, शुक्रवार को दोनों आरोपियों के हाथ पैरों में पट्टे बंधे दिखाई दिए और पुलिस की माने तो भागने के प्रयास में दोनों का ये हाल हुआ है। जबकि जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक दोनों की जमकर पुलिसिया खातिरदारी हुई है।
इधर, इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारि मिश्र ने बताया कि दो आरोपियों को पुलिस ने चिह्नित करके उनके खिलाफ एन एस ए के तहत कार्रवाई की है। साथ ही साथ उनके विरुद्ध 307 का जो प्रकरण कायम हुआ था, उसमें एन एस ए के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है। वही साथ मे गुंडो को चिह्नित कर अतिक्रमण करने वालो पर कार्रवाई की है और अवैध अतिक्रमण पर भी कार्रवाई की जा रही है।
फिलहाल, पुलिस ने अरुण वर्मा और अश्विनी सिरोलिया को गिरफ्तार कर लिया है और अब बीजेपी नेता के घर पर हुए पूरे मामले का खुलासा भी पुलिस जल्द ही हर बिंदु के साथ कर सकती है।
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Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।