Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी, जिसे शयन एकादशी या पद्मनाभ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह अषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। देवशयनी एकादशी तिथि की शुरुआत 16 जुलाई को शाम 8:33 से शुरू होगी और 17 जुलाई को शाम 9:02 पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में हर त्यौहार उदया तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं, ठीक इसी प्रकार देवशयनी एकादशी का त्यौहार भी उदया तिथि के अनुसार 17 जुलाई को मनाया जाएगा। साधक इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना कर सकते हैं साथ ही साथ व्रत रख सकते हैं।
देवशयनी एकादशी का महत्व
भगवान विष्णु इस दिन क्षीर सागर में शेषनाग की शय्या पर शयन करते हैं। यह चार महीने तक निद्रा में रहते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और पापों का नाश होता है। इस दिन दान-पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
देवशयनी एकादशी का विधि विधान
1. एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
2. स्वच्छ वस्त्र पहनें।
3. भगवान विष्णु की पूजा करें।
4. एकादशी के दिन व्रत रखें।
5. व्रत में नमक, अनाज और मसूर का सेवन न करें।
6. फल, कंदमूल और सब्जियां खा सकते हैं।
7. रात में जागरण करें।
8. दूसरे दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।
देवशयनी एकादशी के उपाय
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय तुलसी के पत्ते अवश्य अर्पित करें। इस दिन, केले के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। देवशयनी एकादशी के दिन दान-पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)