Farmers Protest : इंदौर पहुँची किसान आंदोलन की लपटें, अन्नदाताओं के साथ मेधा पाटकर का प्रदर्शन

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इंदौर, आकाश धोलपुरे। कृषि विधयेक बिल (Agricultural bill)का विरोध भले ही दिल्ली (Delhi) और उसके आस पास चल रहा है लेकिन अब किसानों (Farmers) द्वारा किये जा रहे विरोध का असर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भी देखने को मिल रहा है। इंदौर (Indore) में आंदोलन में किसान संघर्ष समन्वय समिति की वर्किंग ग्रुप सदस्य नर्मदा बचाओ आंदोलन (Narmada Bachao Andolan) की नेता मेधा पाटकर (Medha Patkar) भी शामिल हुईं। पाटकर ने कहा कि ये तीनों कानून गलत आधार पर बने हैं। ये कानून उनका उद्देश्य सिर्फ बिजनेस है और प्रॉफिट कमाना है, हमें यह कानून मंजूर ही नहीं है।

दरअसल, किसानो द्वारा केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए बिल को काला कानून बताया जा रहा है। ऐसे में किसान आंदोलन के समर्थन में इंदौर मे गुरुवार दोपहर को रीगल चौराहे पर बडी संख्या में किसान (Farmers) पहुंचे। किसानों की माने तो किसान आंदोलन को लोगों का ऐतिहासिक समर्थन मिल रहा है। किसान आंदोलन (Farmers Protest) से एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए और किसान विरोधी तीनों कानून को वापस लेने की मांग करते हुए इंदौर में प्रदर्शन किया और धरना देकर विरोध जताया।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)