विलुप्त Cheetah को फिर से बसाने विशेषज्ञों ने एमपी का किया दौरा, चार स्थानों का किया चयन

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भारत सरकार वन्य जीव-जंतुओं को संरक्षित रखने के लिए कई अभियान चला रही है। वहीं कई दशक पहले विलुप्त हुए चीता को फिर से देश के बेहतर स्थानों पर बसाने के लिए सुरक्षित स्थानों का चयन किया जा रहा है। 7 दशक पहले देश में विलुप्त हुए चीते की प्रजाति (Cheetah) को बचाने के लिए देहरादून के भारतीय वन्य जीव संस्थान (Wildlife Institute of India) के विशेषज्ञों ने मध्यप्रदेश का दौरा कर चार स्थानों का चयन किया है।

उच्चतम न्यायालय ने दी इजाजत


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।