नेता प्रतिपक्ष के चयन में आदिवासी कार्ड चलाने के मूड में कमल नाथ , यह नेता है दौड़ में सबसे आगे

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आगामी 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा (Vidhansabha) का शीतकालीन सत्र होने वाला है। लेकिन अभी तक नए नेता प्रतिपक्ष (Leader Opposition) का चयन नहीं हो पाया है। दरअसल वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष (PCC Chief And Leader Opposition) दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहें है। लेकिन अब कमल नाथ दोनों पदों में से एक पद छोड़ने के मूड में है।

कमल नाथ कह चुके है कि वो 2023 तक मध्य प्रदेश में सक्रिय राजनीति करेंगे। कमल नाथ पार्टी संगठन को और मजबूत करना चाहते है। ऐसे पीसीसी चीफ के पद पर कमल नाथ बने रहना चाहते है और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी किसी और को सौंपने की तैयारी कर रहें है। जिसके बाद अटकलें तेज हो गई है कि शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस अपने नए नेता प्रतिपक्ष का ऐलान कर देगी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।