भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ कृषि बिलों (Agricultural Bills) को लेकर देशभर में किसान आंदोलन (Farmers Protest) चल रहा है वही दूसरी तरफ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में धान खरीदी को लेकर निकला एक आदेश विवादों में घिर गया है। हालांकि शिवराज सरकार (Shivraj Goverment) में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह (Food and Civil Supplies Minister Bisahulal Singh) ने आदेश को वापस लेने की बात की थी।
दरअसल, दो दिन पहले धान खरीदी को लेकर शिवराज सरकार ने एक बड़ा फैसला किया था, जिसके तहत किसान(Farmers) अपनी र्जी से धान की बुवाई नहीं कर सकते और अगर किसान अपनी मर्जी से खराब क्वालिटी के धान की बुवाई करेगा तो सरकार उसकी खरीदी MSP के तहत नहीं करेगी।
इतना ही नही आदेश में ये भी कहा गया था कि किसानों को धान की अच्छी क्वालिटी और बेहतर धान उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी खाद्य विभाग की रहेगी, जिसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में किसानों को धान की बेहतर किस्म मिलेगी। कृषि विभाग (Agriculture Department) की तरफ से इस फैसले का निर्देश सभी जिले के कलेक्टरों (Collectors) को भेज दिया गया था, लेकिन आदेश के विवादों में घिरने और सवालों खड़े होने के बाद सरकार ने इसे वापस लेने की बात कही है।
मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों के साथ अन्याय नही किया जाएगा। सरकार ऐसा कोई आदेश नही निकालेगी जिससे किसानों को नुकसान हो। एमपी सरकार(MP Government) धान संबंधी बुआई आदेश वापस लेगी।धान की किस्म तय करने का अधिकार किसान को होगा। समर्थन मूल्य रोकने वाला आदेश निकाला है तो वापस होगा। सरकार हर किसान का समर्थन मूल्य पर ही धान खरीदेगी।
किसानों का एक एक दाना खरीदेगी सरकार
मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि समर्थन मूल्य (Support Price) को लेकर मध्यप्रदेश में कोई असंमजस की स्थिति नही है। किसानों का एक एक दाना खरीदा जाएगा। अगर ऐसा आदेश लिया गया है तो वापस लिया जाएगा, ऐसा कुछ भी नही है । वही मंत्री सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे भी धान में खराब क्वालिटी वाले धान की मिलावट ना करें और ना ही ऐसा धान सरकार को बेचें।ऐसे में कई सवाल खड़े होते है कि आखिर जब देशभर में किसान आंदोलन चल रहा है तो यह आदेश कृषि विभाग ने क्यों निकाला? क्या इसमें अधिकारियों की लापरवाही है या फिर कुछ और…
कृषि विभाग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार,
किसान को मिलर्स से बेस्ट क्वालिटी का सर्टिफिकेट लेना होगा।
मिलर्स के सर्टिफिकेट के बिना की गई धान की बुवाई के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होगी।
धान का बीज कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
जिले के कृषि विभाग का अधिकारी जिस कंपनी के डिब्बे पर हाथ रख देगा, किसान को वही बीच खरीदना पड़ेगा।
धान की क्वालिटी तय करने में खाद्य विभाग की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी।
यदि धान की फसल उत्तम गुणवत्ता वाली नहीं हुई तो उसे समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)