BJP में जाने के बाद ऐसा मनेगा सिंधिया का BIRTHDAY, जाने क्या क्या होगा खास 

ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) 1 जनवरी को अपने जीवन की अर्ध शतकीय पारी पूरी करने जा रहे हैं। “महाराज” (Maharaj) के जीवन के 50 बसंत पूरे होने पर उनके समर्थकों में ख़ासा उत्साह है, समर्थकों ने “महाराज” का 50वां जन्मदिन धूमधाम से मनाने की तैयारी कर ली है। जन्मदिन के खास मौके पर 50 पौंड का केक (Cake) काटा जायेगा, 51 मंदिरों (Mandir) पर सुंदरकांड (Sundarkand ka paath) का पाठ आयोजित किया जायेगा, 50 किलो मिठाई (Sweet) का वितरण होगा, अपने क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली शख्सियतों का सम्मान किया जाएगा।

ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि 1 जनवरी को “महाराज” का 50 वां जन्म दिन ग्वालियर में धूमधाम से मनाया जायेगा। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जन्मदिन के खास मौके पर 50 पौंड का केक (Cake) काटा जायेगा, मुदगल पायगा में एक सम्मान समारोह आयोजित किया जायेगा, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के 51मंदिरों पर “महाराज” की दीर्घायु के लिए सुंदरकांड के पाठ आयोजित किये जायेंगे। शाम के समय महाराज बाड़े पर 50  किलो मिठाई का वितरण किया जायेगा। सभी कार्यक्रमों के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar), सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (MP Vivek Narayan Shejwalkar), पूर्व मंत्री माया सिंह (EX minister Maya Singh), पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा(EX Minister Anup Mishra), इमरती देवी( Imarti Devi) पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह(EX Minister Narayan Singh Kushwah), पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्र सिंह(Ex minister Dhyanendr Singh), प्रदेश BJP मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर(Lokendra Parashar), BJP जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी (Kamal Makhijani) सहित भाजपा के वरिष्ठ नेतागण और सिंधिया समर्थक नेता खास तौर पर शामिल रहेंगे। पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल के अलावा भाजपा  जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी,सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक रामवरन सिंह गुर्जर, एवं सिंधिया समर्थक नेता नवीन परांडे,किशन मुदगल , सुरेंद्र शर्मा आदि मौजूद थे।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....