शिव”राज” के ये कैसे अधिकारी, भृष्टाचार पर कार्रवाई की बजाय खुद हुए गायब

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश की सेंधवा (Sendhwa) सहित अन्य परिवहन चैक पोस्ट (Transport check post) पर पदस्थ अधिकारियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली (Illegel Recovery) का खुलासा कर इसकी लोकायुक्त (Lokayukt) में शिकायत करने वाले इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन के पदाधिकारियों को आज साक्ष्यों के साथ उपस्थित होने का बुलावा देने वाले संभागीय उप परिवहन आयुक्त (Divisional Deputy Transport Commissioner) ही गायब मिले। नाराज ट्रांसपोर्टर्स (Transporters) ने मांग की है कि उपायुक्त के खिलाफ भी वो ही कार्रवाई की जाये जिसकी चेतावनी उपस्थित ना होने पर उन्होंने हमें दी थी। एसोसिएशन के पदाधिकारी  बाद में अपर परिवहन आयुक्त को अपना ज्ञापन सौंपकर चले गए।

भ्रष्टाचारियों  के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh Chauhan)की चेतावनी का असर कितना हो रहा है इसकी एक बानगी आज ग्वालियर स्थित संभागीय उप परिवहन आयुक्त कार्यालय (Divisional Deputy Transport Commissioner Office) में देखने को मिली जब भ्रष्टाचार की जाँच कर रहे अधिकारी ही शिकायतकर्ताओं को बुलाकर खुद ऑफिस से गायब हो गए  इसे लेकर तमाम चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।  दरअसल संभागीय उप परिवहन आयुक्त (Divisional Deputy Transport Commissioner)ग्वालियर एवं चम्बल संभाग एवं प्रभारी इंदौर संभाग अरुण कुमार सिंह (Arun Kumar Singh ) ने इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती (CL Mukati)को पत्र भेजकर उनके द्वारा  सेंधवा और अन्य परिवहन पोस्टों पर अवैध वसूली की लोकायुक्त (Lokayukt)में की गई शिकायत के सम्बन्ध में आज दिनांक  6 जनवरी को 12 :30  बजे ग्वालियर स्थित कार्यालय में साक्ष्य के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए थे।  पत्र में इस बात का भी उल्लेख था कि  यदि आप उपस्थित नहीं होते हैं तो एकतरफा कार्रवाई की जाएगी। पत्र मिलने के बाद श्री मुकाती अपनी एसोसिएशन के 56 सदस्यों के साथ ग्वालियर आये लेकिम संभागीय उप आयुक्त खुद ऑफिस में नहीं मिले।  जिससे नाराज श्री मुकाती ने मांग की कि उन्होंने हमें उपस्थित नहीं होने पर जिस एकतरफा कार्रवाई की चेतावनी दी थी अब परिवहन विभाग के आयुक्त महोदय संभागीय उपायुक्त पर ये कार्रवाई करें।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....