राशन माफिया भरत दवे के अवैध निर्माण पर चला प्रशासन का बुलडोजर, रासुका के तहत कार्रवाई

इंदौर, आकाश धोलपुरे। गरीबों के हक पर वार कर अपनी जेब को मोटी करने वाले राशन माफिया भरत दवे (Ration Mafia Bharat Dave) पर प्रशासन का शिंकजा कसते ही चला जा रहा है। जहां मंगलवार को कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने स्पष्ट कर दिया राशन घोटाले (Ration scam) से जुड़े लोगों को कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा और उनसे जुड़े सभी लोगों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जायेगा। घोटाले के मुख्य आरोपी भरत दवे, श्याम दवे और प्रमोद पर रासुका की कार्रवाई (Action of Rasuka) का एलान भी किया जा चुका है। वही आरोपियों के साथियों पर 31 अलग अलग मुकदमे दर्ज किए गये है।

इधर, मंगलवार को गरीबों का हक लूटकर कालाबाजारी करने वाले भरत दवे के साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया गया। जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर भरत दवे के कार्यालय पर बुलडोजर चला दिया। इंदौर में राशन माफ़िया भारत दवे द्वारा जिस तरह से गरीबों का निवाला छीनने की कोशिश की गई थी, उस पर प्रशासन ने उसके अवैध काले साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।