आदिवासियों का प्रदर्शन, चेतावनी- मांगें नहीं मानी तो संवैधानिक व्यवस्था से खुद को कर लेंगे अलग

रतलाम, सुशील खरे। जावरा एवं सैलाना क्षैत्र के दो प्रस्तावित डैम को निरस्त करने की मांग को लेकर मंगलवार को आदिवासियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। युवाओं का एक बड़ा समूह इसमें अर्धनग्न होकर आया था। आदिवासियों ने चेतावनी दी कि समस्या का समाधान नहीं होने पर वे स्वयं को संवैधानिक व्यवस्था से अलग कर लेगें। आदिवासियों के इस आंदोलन को कांग्रेस ने भी सर्मथन दिया एवं यहां बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद रहे।

जावरा विधानसभा के ग्राम आम्बा के पास जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित पुन्याखेड़ी डैम एवं सैलाना विधानसभा के डुंगरापुंजा डैम को निरस्त करने की मांग करते हुए सैंकड़ो की संख्या में आदिवासी महिला पुरूष कलेक्ट्रेट पहुंचे। इनके एक झुंड का नेतृत्व कांग्रेस के नेता करते हुए पहुंचे जबकि सिर पर पीले कपड़े बांधकर अर्धनग्न होकर दूसरा समूह जयस एवं अन्य युवाओं का था। सभी लोग कलेक्ट्रेट परिसर में नीचे बैठ गए। यहां जोरदार नारेबाजी करते हुए जल जंगल जमीन पर आदिवासियों का हक, डैम को निरस्त करो जैसे नारे लगाए गए। करीब 10 मिनिट तक नारेबाजी के बाद कलेक्टर गोपालचन्द डाड, एसडीएम अभिषेक गेहलोत के साथ जब ज्ञापन लेने आए तो आदिवासियों ने ऊपर जाने से इंकार कर दिया। बाद में आदिवासी युवाओं ने एक ज्ञापन का वाचन सीढ़ियों के नीचे से ही किया जिसमें संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों एवं सुप्रीम कोर्ट एवं कई राज्यों के हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों का हवाला देते हुए आदिवासियों के हितों के संरक्षण करने की मांग की गई।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।