भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व मुख्यमंत्री (Former chief minister) और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ने ट्वीट (tweet) कर मध्य प्रदेश के आईएएस (IAS) और आईपीएस (IPS) को टारगेट किया है। दरअसल दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने दमोह में देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड (Devendra Chaurasia massacre) को लेकर स्थानीय जज के उत्पीड़न पर मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ बातें कही थी। उसी संदर्भ में दिग्विजय ने नौकरशाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
ट्वीट मे दिग्विजय ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मर्डर केस में जज के उत्पीड़न पर मध्य प्रदेश सरकार की खिंचाई की है। मैं माननीय उच्च न्यायालय को एमपी में तथाकथित कानून का नियम लेने के लिए धन्यवाद देता हूं। मध्य प्रदेश के आईएएस और आईपीएस सरकार के दास के रूप में काम कर रहे हैं। वे भारत के संविधान से बाध्य नहीं है लेकिन प्राइज पोस्टिंग के द्वारा सत्ताधारी दल के का काम कर रहे हैं।’न्यायपालिका से उम्मीद जताते हुए दिग्विजय ने लिखा है कि वे कानून का राज बनाए रखने के लिए आवश्यक उपाय करेंगे।
दिग्विजय के ट्वीट पर अभी कोई अधिकृत प्रतिक्रिया नही हुई है लेकिन पुलिस के कुछ अधिकारियों ने इसे किसी के ऊपर बिना सोचे समझे लगाया गया आरोप बताया है। एक अधिकारी का कहना है कि बहुसंख्यक ईमानदार अधिकारियों की बदौलत ही दिग्विजय सिंह ने 10 साल इस प्रदेश पर शासन किया है और उन जैसे व्यक्ति से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। आईएएस अधिकारी का कहना है बड़े पदों पर बैठे हुए लोगों को बिना किसी सबूत के इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए।
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बता दें कि बसपा से कांग्रेस ने गए दमोह के देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। इस मामले में बसपा विधायक के आरोपी पति गोविंद सिंह ठाकुर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि हत्याकांड को 2 साल बीत चुके हैं।
हालांकि इस मामले में दमोह के एडीजी आर पी सोनकर ने बसपा विधायक के पति के खिलाफ वारंट जारी किया था। कुछ दिन के बाद एडीजी ने जिला जज को पत्र लिखकर एसपी और दूसरे अधिकारी पर उन्हें धमकाने के आरोप लगाए थे। वहीं इस पूरे घटनाक्रम में मृतक देवेंद्र चौरसिया के बेटे सुमित द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिवराज सरकार को फटकार लगाई गई थी।