बैतूल, वाजिद खान। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग (health Department) में काम करने के लिए स्थायी नियुक्ति कराने के लिए फर्जी डिग्री बनाकर लोगों से लाखों की ठगी करते थे।
गौरतलब है कि कोरोना काल मे सरकार ने कोविड ड्यूटी के लिए अस्थायी नियुक्तियां करवाई थी, जिसका फायदा उठाने के लिए ठगों का एक गिरोह सक्रिय हो गया था, जो कोविड-19 में ड्यूटी पर लगाने के नाम पर लाखों रुपये की डिमांड करता था और स्वास्थ्य विभाग में फर्जी डिग्री बनाकर उन्हें जॉब पर लगवाते थे। यह जानकारी तब लगी जब बैतूल निवासी सुरेंद्र बनखेड़े ने कोतवाली में शिकायत की उसे जॉब दिलाने के नाम पर अनिल पवैया निवासी भिंड ,संदीप सोनी मुलते और अन्य साथियों द्वारा पैसे लिए गए और स्वास्थ विभाग में स्थायी नियुक्ति का बोलकर 31/05/2021 तक अस्थायी नियुक्ति कर कोविड 19 के दौरान काम करने के लिए कुछ समय के लिए रखा गया है और इसके लिए ठगों ने 15 लाख रुपए लिए गए है।
बैतूल एसपी शिमला प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी सुरेंद्र बनखेड़े ने शिकायत की थी, की उसने स्वास्थ्य विभाग में सिर्फ वार्ड बॉय के लिए अप्लाई किया था लेकिन उसका सिलेक्शन लैब टेक्नीशियन के पद के लिए हो गया, जिसके बाद उसने अपने दस्तावेज चेक किए तो पाया कि उसके दस्तावेजों में लैब टेक्नीशियन की एक फर्जी डिग्री लगी हुई है। और उसका फर्जी चयन हुआ है वही पूछताछ में आगे पता चला कि उसने एक हीरा सिंह नामक व्यक्ति को नियुक्ति के लिए करीब डेढ़ लाख रुपए दिए थे, जिसके बाद जांच पड़ताल के बाद यह मालूम हुआ कि हीरा सिंह के और भी साथी 15 दिनों के अंतराल में आकर शहर के लोगों से फॉर्म भरवाते थे। और बैतूल में करीब 30 लोगों की इस तरह हल ही में भर्तियां करवाई गई है, पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मामले के संज्ञान में आते ही आरोपियों को काका ढाबा बैतूल से गिरफ्तार किया गया और पूछताछ में आरोपियों द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग में नियुक्तियां निकलने पर इनके द्वारा उम्मीदवारों से संपर्क किया जाता था और उनको आवेदन उपलब्ध कराने के लिए उनके दस्तावेज लेकर फिंगरप्रिंट लेते थे, इसके बाद जिन पदों पर नियुक्ति करनी होती थी उसकी फर्जी डिग्री बनवाकर और उम्मीदवारों से दो से ढाई लाख रुपये में चयन की बात करते थे। वही जब आरोपियों के खाते की पड़ताल की गई तो उसमें एक साल में 1 करोड़ से ऊपर का लेनदेन होना पाया गया । पुलिस का कहना है कि इस मामले में आगे और भी खुलासे हो सकते है।