शिवपुरी, मोनू प्रधान। शिवपुरी (shivpuri) के मेडिकल कॉलेज (medical college) में एक बार फिर लापरवाही (carelessness) के किस्से तूल पकड़ रहे है। खबर है कि शिवपुरी मेडिकल कॉलेज की सेकंड इयर छात्रा (second year student) प्रगति साक्य ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती अपने पिता की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि जिस वक्त वो अपने पिता से मिलकर आई मेडिकल कॉलेज ने उसके पिता की मौत का डेथ सर्टिफिकेट (death certificate) उसके पहले ही बना दिया था।
दरअसल, युवती प्रगति साक्य ने अपने पिता प्रसादीलाल शाक्य को तीन दिन पहले मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। युवती खुद इसी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा है। युवती का यह भी आरोप है कि 3 दिन से उसके पिता की कोई जांच नहीं की गई ना ही उनका कोविड टेस्ट किया गया। युवती ने मेडिकल कॉलेज और मेडिकल कॉलेज प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कल रात वो अपने पिता से 8:30 बजे मिली थी। तब तक उसके पितां जिंदा थे और अच्छे से बात कर रहे थे। वही मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी डेथ सर्टिफिकेट में उन्हें रात 8:05 बजे पर मृत बता दिया गया।
वहीं युवती का यह कहना है कि जब मैं पिता से मिली उसके आधे घंटे पहले का डेथ सर्टिफिकेट कैसे बन सकता है। प्रगति ने बताया कि पिता के पास मोबाइल था और वो रात भर उनसे बात करने का प्रयास करती रही लेकिन उनसे उसकी बात नहीं हो पाई। जब वो सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंची तब उसने अपने पापा को उस बेड पर नहीं पाया तभी आसपास के लोगों ने बताया कि रात में ही उसके पिता को कहीं ले गए। जिसके बाद फिर प्रगति ने मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में उनको ढूंढने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं मिले तभी डॉक्टर ने उसे बताया कि रात्रि 8:05 पर उनका देहांत हो गया।
कंफ्यूजन हो गया होगा
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ केबी वर्मा का कहना है कि डॉक्टर्स घड़ी देखकर ही मौत का समय डालते है। हो सकता है कि मृतक की बेटी को समय को लेकर कोई कन्फ्यूजन रहा हो। अस्पताल में मरीज गंभीर हालत में आ रहे हैं, जिससे हालात संभाल पाना मुश्किल हो रहा है। फिर भी हम कोशिश कर रहे हैं कि मरीजों की मौत ना हो।