भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राज्यसभा सांसद और प्रख्यात मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा (Rajya Sabha MP and sculptor Raghunath Mohapatra) का आज शनिवार को कोरोना से निधन हो गया। मोहपात्रा बीते दिनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें ओडिशा (Odisha) के भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल (AIIMS Bhubaneswar) में में भर्ती करवाया गया था, जहां आज शाम इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
बीते दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ ही उनके परिवार के साथ टेलीफोन के जरिए चर्चा की थी। पीएम मोदी ने ट्विटर पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि सांसद रघुनाथ महापात्रा जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने कला, वास्तुकला और संस्कृति की दुनिया में अग्रणी योगदान दिया है। पारंपरिक शिल्प को लोकप्रिय बनाने की दिशा में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Chief Minister Naveen Patnaik) ने कहा कि ओडिशा की कला ऐतिह्य के प्रति उनके अवदान को सदैव याद रखा जाएगा। कारूकार्य एवं पत्थर पर खुदाई कर एक सुप्रसिद्ध शिल्पी के तौर पर रघुनाथ महापात्रा ने ओडिशा के साथ देश व दुनिया में अपनी ख्याति स्थापित की थी। उनके कृतित्व ही उनके परिचय थे। उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं करने के बावजूद अपनी उच्च आकांक्षा के बल पर राज्य की ख्याति को उन्होंने पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम किया था।
ऐसा रहा अबतक का सफर
- रघुनाथ महापात्रा को पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका था।
- महापात्रा को पत्थर पर नक्काशी का एक पूर्ण विद्यालय के रूप में जाना जाता था।
- मंदिर वास्तुकला में पारंपरिक शैली की अपनी आकर्षक कला के चलते मूर्तिकला में 22 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था।
- साल 2018 में पद्म विभूषण ।
- 1976 में पद्म श्री।
- 2001 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण ।
- प्रसिद्ध रचनाओं में नई दिल्ली के संसद भवन के सेंट्रल हॉल में नक्काशीदार सूर्य देव की छह फीट ऊंची एक पत्थर की मूर्ति शामिल है।
- पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर सहित ओडिशा में कई प्राचीन स्मारकों के संरक्षण के एक सलाहकार विशेषज्ञ ।
- भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में दूसरा सूर्य मंदिर बनाने के महत्वाकांक्षी विचार की परिकल्पना करने का श्रेय।