सेवढा, राहुल ठाकुर। सेवढ़ा में बढ़ते कोरोना संक्रमण (corona infection) को देखते हुए जिला स्तर के आधिकरियों ने निर्देशो की बारिश कर दी है। लेकिन इन ये निर्देश पन्नों पर तो बहुत लिखे है लेकिन हकीकत (reality) में इन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। इन आदेशों से मात्र मध्यम वर्गीय लोग परेशान हो रहे है। धरातल पर स्तिथि ऐसी है कि स्थानीय आला अफसरों की तैनाती महज कागजो में ही नजर आ रही है और बंगलो से आदेशो की तामीली कराई जा रही है। निर्देशो की खाना पूर्ति उन आमजन (common people) पर की जा रही है जो राजनीति (politics) से मतलब नही रखते है। लॉक डाउन (lock down) उल्लंघन के मामले भी उन पर ही थोपे जाते है जो राजनीति में हस्तक्षेप नही करते। शासन द्वारा लगाया गया लॉक डाउन केवल कागजो में जिंदा है। सुबह-शाम दुकानें तो बन्द है लेकिन सेवढा नगर की गलियों में बने सेठों के घर और गोदाम से दिन रात दुकानदारी जमकर की जा रही है और स्थानीय अधिकारियों को मालूम होने के बाद भी नाम की कार्यवाही कर वरिष्ठ अधिकारियों की जमकर वाह वाही लूटी जा रही है।
यह भी पढ़ें… पन्ना की रूंझ नदी में शवों को प्रवाहित करने पर रोक, गांवों में कराई मुनादी