गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति में किसी की व्यक्तिगत या किसी पार्टी की, सरकार की आलोचना करना बुरी बात नहीं है। लेकिन दुनिया में जिस एकमात्र देश भारत को मां का दर्जा दिया जाता है, कमलनाथ उसे बदनाम करने से नहीं चूक रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि इस तरह देश का अपमान कोई भी देशभक्त सहन नहीं करेगा।कमलनाथ जी आपने भारत माता की बदनामी की हैं। आपका यह कृत्य माफी योग्य नहीं हैं।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आप हमारी और सरकार की आलोचना करो चलेगा लेकिन देश को बदनाम करने की कोशिश करोगे तो चल नहीं पाओगे। विश्व में भारत को मां का दर्जा प्राप्त है लेकिन आज आपने मां को बदनाम किया है। भारत तब बदनाम नही हुआ था जब देश में इमरजेंसी लगी थी, जह सिक्खों का नरसंहार हुआ था। आपके विदेशों से कैसे रिश्ते यह सब जानते है और आपके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी विदेश से ही है, उसको देख कर लगता है कि आप वही की भाषा बोलते हैं,देश आपको माफ नहीं करेगा।
मानसिक संतुलन खो दिया- शिवराज सिंह चौहान
इधर, सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कहा सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए। क्या आप कमलनाथ के बयान से सहमत हो? सत्ता जाने के बाद लगता है कमलनाथ ने मानसिक संतुलन खो दिया है। कमलनाथ ने इसी धरती पर जन्म लिया और कह रहे हैं कि भारत बदनाम है।पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी क्या वे ऐसी कांग्रेस चाहते थे।
भारत की जनता माफ नहीं करेगी- वीडी शर्मा
वही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद वीडी शर्मा (VD Sharma) ने कहा कि सत्ता से बेदखल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मानसिक दिवालिया हो गए हैं या फिर विदेशी ताकतों के इशारे पर भारत को बदनाम कर रहे हैं। कमलनाथ के देश को बदनाम करने वाले बयान भारत विरोधी ताकतों को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। यह जांच का विषय है कि इटली, चीन या पाकिस्तान, कमलनाथ कहॉ से संचालित हो रहे हैं?कमलनाथ जब केंद्रीय मंत्री थे, तब उन पर चीन के एजेंट होने का आरोप लग चुका था और आज फिर उन्होंने चीन को समर्थन देने वाला बयान देकर यह सिद्ध कर दिया कि वह चीन के एजेंट भूमिका में हैं। इसके लिए भारत की जनता उन्हें कभी भी माफ नहीं करेगी।
कैलाश ने भी किया पलटवार
वहीं, कमलनाथ के बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) कहा कि कमलनाथ जी, मेरा भारत महान था, महान है और महान ही रहेगा, लेकिन चीनी दिमाग से सोचने और इटालियन चश्मे से देखने वालों को यह नजर नहीं आएगा। आप जैसों को तो गोस्वामी तुलसीदास जी कहकर गये हैं कि ‘जाको प्रभु दारुण दुःख देही, ताकि मति पहले हर लेही।