इस सबकी शुरुआत तब हुई जब फूड डिलीवरी बॉय अकील जो कि जोमैटो के लिए काम करते हैं, उनके पास हैदराबाद के कोटि में रहने वाले रॉबिन मुकेश का ऑर्डर आया। रॉबिन मुकेश हैदराबाद की ही आईटी कंपनी में कार्यरत हैं। सोमवार को उन्होंने जोमैटो से चाय ऑर्डर की थी।
रॉबिन बताते हैं, ” मैं घर पे काम कर रहा था और रात में करीब 10 बजे मैंने हैदराबाद स्थित होटल लकड़ी-का-पुल से चाय आर्डर की। ऑर्डर करने के बाद जब मैं अपने ऑर्डर को ट्रैक कर रहा था तब मैंने देखा कि मोहम्मद अकील जिनको मेरी डिलीवरी लेके आनी थी वे मेहदीपत्नम में हैं। ऑर्डर करने के 15 मिनट बाद ही उनके पास डिलीवरी बॉय का फ़ोन आया और उसने बताया कि वो ऑर्डर लेके उनके अपार्टमेंट के नीचे खड़ा है। उसने मुझसे नीचे आकर ऑर्डर ले जाने के लिए कहा।”
इसके बाद रॉबिन ने बताया, ” मैं जैसे ही अपना ऑर्डर लेने नीचे पहुंचा मैंने देखा एक यंग लड़का पूरा भीगा हुआ साइकल पर मात्र 15 मिनट में मेरा ऑर्डर लेकर हाजिर था। जब मैंने उससे पूछा कि तुम ऑर्डर इतना जल्दी कैसे ले आए तब उसने बताया कि वो एक साल से साइकल से ही डिलीवरी कर रहा है।”
यह भी पढ़़ें… बाइक पर निकले SDM वैक्सीनेशन के लिए घर घर जाकर दे रहे पीले चावल
इसके बाद रॉबिन ने डिलीवरी बॉय की अनुमति ली और उसकी एक फोटो खींची। उससे और बातचीत के दौरान रॉबिन को पता चला कि वो बीटेक की पढ़ाई भी कर रहा है।
रॉबिन ने आगे बताया, ” मैंने अकील के पूरी कहानी फेसबुक पर एक फ़ूड और ट्रैवल संबंधी पेज पर फोटो के साथ डाल दी। और मैंने जैसे ही इसको अपलोड किया इस पोस्ट पर भारी मात्रा में कमेंट्स आने लगे न जाने कितने लोग अकील की मदद करने के लिए आगे आना चाहते थे। जब मैंने अकील से पूछा कि वो किस तरह की मदद चाहता है मुझसे तब उसने कहा कि यदि मुझे मोटरबाइक मिल जाए तो बहुत बेहतर हो जाएगा। मैंने तुरन्त ही मंगलवार की रात को फंडरेजर बना दिया और अगली सुबह मैंने देखा कि टारगेट से ज़्यादा पैसा मात्र 12 घंटे के अंदर कलेक्ट हो चुका था। यूएस में रहने वाली एक महिला ने अकील की मदद के लिए अकेले ₹30000 रुपए भेजे। और इसी के साथ अकील के लिए कुल ₹73,000 जमा हो गए थे।
रॉबिन ने बताया कि अकील के लिए एक टीवीएस XL बाइक खरीदी गई है और इसके साथ ही कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सभी आइटम जैसे मास्क, सेनिटाइजर बाइक के लिए हेलमेट आदि भी खरीदकर उसे दिया गया।
सब कुछ खरीदने के बाद भी ₹5000 बाच रहे थे जिसे अकील की कॉलेज फीस भरने में इस्तेमाल किया गया।